खबर लहरिया कोरोना वायरस प्यासा बुंदेलखंड: जान जोखिम में डालकर दिनभर पानी भरती हैं महिलाएं, द कविता शो

प्यासा बुंदेलखंड: जान जोखिम में डालकर दिनभर पानी भरती हैं महिलाएं, द कविता शो

नमस्कार दोस्तों!! द कविता शो के इस एपीसोड में आपका स्वागत है। एक तरफ कोरोना महामारी का प्रकोप तो दूसरी तरफ मेरे बुंदेलखंड में पानी का हाहाकार मचा हुआ है। ग्रामीण इलाकों और खासकर पाठा के क्षेत्रों में हैंडपंप जवाब दे दिए हैं। भयंकर गर्मी पड़ने की वजह से पानी का लेवल नीचे चला गया है तो गांवों में महीनों से बिगड़े पड़े हैं। और लोग कोसों दूर चलकर नदी नालों से पानी लाने को मजबूर हैं।

पानी की समस्या आना कोई नई बात नहीं है हर साल बुंदेलखंड का यही हाल होता है। गर्मी आते ही गांव के गरीब लोग एक एक लोटा पानी के लिए मोहताज हो जाते हैं। वैसे तो पानी की समस्या अब आम बात हो गई है लेकिन इस समस्या से जो सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं वो हैं गरीब दलित और महिलाएं। आप सोच रहे होंगे मैं ऐसे क्यों बोल रही हूं पानी की जरूरत तो सबको होती है न। तो सुनिए

अगर मोहल्ला का हैंडपंप खराब होता है तो घर की मेहरिया और बिटिया ही दिनभर पानी भरै दूसरे के मोहल्ला जाती हैं। पानी भरें पूरे घर का काम करें और खाना बनाए ।जो जाति की बात तो सबसे ज्यादा हैंडपंप खराब होते दलितों के मोहल्ला के पहली बात एक हैंडपंप में सत्तर अस्सी घर पानी भरते हैं और जब हैंडपंप बिगड जाते हैं तो बड़ी जाति के लोग पानी नहीं भरने देते हैं और छुआ छूत भी जारी है। इस महीने हमने हमने पानी की कमी और समस्या पर कयी स्टोरी की है जिसमें जातिगत भेदभाव पाया गया है। वैसे तो रसकार की पानी के नाम पर कयी योजनाएं चलती है लेकिन उन योजनाओं की पोल रह साल खुल ही जाती है । सरकार दावा करती की घर घर लोगों को टोटी से पानी दिया जायेगा लेकिन टोटी गई कहां कोई पता नहीं है हां कयी गांव में रिपोर्टिंग से पता चला की नल की टोटी लगा दी गई हैं लेकिन पानी नहीं आता है ।

मैंने शहरों में पानी की बर्बादी भी बहुत देखी हूं अभी हाल ही में मैं बांदा के बस स्टैंड के पास से गुजर रही थी और मेरे आगे आगे एक पानी का टैंकर जा रहा था और उसकी दोनों टोटी खुली थी पानी पूरी सड़क में बह रहा था और टैंकर में ही लिखा था जल ही जीवन है ,जल है तो कल है , लेकिन कल की किसको चिंता है लोग तो आज की देख रहे हैं । अपने मोहल्ले में देखती हूं कुछ लोग हैं जो घंटों पानीबहाते हैं सड़क सींचते हैं लेकिन मजाल नहीं कि कोई बोल सके।

पानी की समस्या को खत्म करने के लिए सरकार और समाज दोनों को सोचना होगा । जहां पर पानी नहीं है या हैंडपंप बिगड़े हैं वहि पर तुरंत में मरम्मत होनी चाहिए और छुआ छूत करने वाले लोगों और पानी की बरबादी करने वाले लोगों को सजा भी मिलनी चाहिए ।

तो दोस्तो इस बार के शो में इतना ही अगले एपिसोड में मैं फिर मिलूंगी करारी बातों के साथ तब तक अगर आपको मेरा ये शो पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ में शेयर जरूर करें।

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