पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी के शपथ लेने के साथ ही 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले जातिवाद देश की राजनीति के केंद्र में आ गया है। चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने को न सिर्फ पंजाब बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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कांग्रेस ने उत्तर भारत के किसी राज्य में पहली बार अनुसूचित जाति के व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाकर ऐसा दांव चला है जिसकी चर्चा राजनीतिक हलकों में हावी होती दिख रही है. लगभग सभी दलों के नेताओं ने उनकी नियुक्ति का स्वागत किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान ने मुख्यमंत्री बनने पर चन्नी को बधाई दी जबकि भारतीय जनता पार्टी और बसपा ने कांग्रेस को चेताते हुए कहा कि उसका यह कदम सिर्फ दलितों का वोट हासिल करने के लिए महज राजनीतिक हथकंडा नहीं होना चाहिए।
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