महोबा जिले के अकौना गाँव में रहने वाले ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें चार महीने से राशन नहीं दिया गया है। बस अंगूठा लगवा लिया जाता है।
जिला महोबा ब्लॉक जैतपुर तहसील कुलपहाड़ थाना अजनर के अंतर्गत आने वाले अकौना गांव में रहने वाले ग्रामीणों ने कोटेदार पर राशन न देने का आरोप लगाया है। परेशान होकर लोगों ने 18 दिसंबर 2021 को जिले की एसडीएम श्वेता पांडेय को सामूहिक शिकायत पत्र सौंपा था। इससे पहले लोगों ने तहसील में धरना प्रदर्शन करके भी अपना विरोध प्रकट किया था।
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पहले ही कर दिया गया है ससपेंड – कोटेदार
अकौना गांव में तकरीबन 583 लोगों के पास राशन कार्ड हैं। वहीं 36 लोगों के पास लाल कार्ड है। हमने राशन न देने के मामले को लेकर कुलपहाड़ के कोटेदार राजेश कुमार वर्मा से बात की। उन्होंने कहा कि, गाँव में कुछ विवाद हुआ था जिसकी सूचना उन्हें भी मिली थी। जिसके बाद उन्हें 14 दिसंबर को ससपेंड कर दिया गया था। उन्हें बर्ख़ास्त करने के बाद अकौनी गाँव का कोटा हरि सिंह कोटेदार को दे दिया गया था। इस बारे में गाँव वालों को नहीं पता है।
राजेश सिंह आगे कहते हैं कि वह जब भी राशन वितरण करते हैं तो गाँव वाले उनकी बुराई करते हैं। वह लोग एक-दूसरे के कहने से चलते हैं और उनकी शिकायत कर देते हैं। अब जब उन्हें 14 दिसंबर को ही ससपेंड कर दिया है तो फ़िर 18 दिसंबर को अधिकारीयों के पास उनकी शिकायत करने क्यों गए हैं। अधिकारीयों को भी सोचना चाहिए की बात में कितनी सच्चाई है।
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कोटेदार को लेकर ग्रामीणों का आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि, “भले ही सरकार द्वारा राशन कार्ड धारकों को मुफ़्त राशन दिया जा रहा हो लेकिन कुलपहाड़ तहसील क्षेत्र के अकौना गाँव में कार्ड धारकों के हक का राशन कोटेदार राजेश सिंह खुद खा रहा है।” वह आगे कहते हैं कि इसे लेकर भारी संख्या में कार्ड धारकों ने कुलपहाड़ तहसील पहुंचकर प्रदर्शन भी किया और तहसील में सामूहिक शिकायती पत्र भी सौंपा। कार्ड धारकों का कहना था कि कोटेदार कई महीने से उन्हें राशन नहीं दे रहा है और उनसे अंगूठे लगवा लेता है, इस सबूत के तौर पर कि उन्हें राशन दे दिया गया है।
गाँव के रहने वाले राजा भाई और गणेशी लाल ने बताया है कि उन्हें 4 महीने से बराबर राशन नहीं मिला है। वह चाहते हैं कि सरकार द्वारा भेजा जा रहा राशन उन्हें भी मिले जिससे वह अपना जीवन यापन कर सकें।
वहीं रामनरेश कुशवाहा का कहना है कि राशन न मिलने से उनके खाने के लाले पड़े हुए हैं।
यहां मुद्दा कोटेदार को बर्खास्त करने से ज़्यादा यह था कि लोगों को चार महीने से राशन नहीं मिला है। जिस बात को कोटेदार ने मानने से इंकार कर दिया। वहीं एसडीएम या तहसील स्तर से इस मामले को लेकर कुछ भी नहीं कहा गया है कि लोगों को राशन मिलेगा या नहीं? अगर मिलेगा भी तो कब मिलेगा? क्या उन्हें पिछले चार महीने का राशन भी दिया जाएगा?
इस खबर की रिपोर्टिंग श्यामकली द्वारा की गयी है।
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