देश में रोज़ाना कोरोना संक्रमण के साथ-साथ फेक न्यूज़ नाम का संक्रमण भी तेज़ी से फ़ैल रहा है। कोविड-19 का सिर्फ शहरों में फैलना से लेकर वैक्सीन लगवाने से तबीयत ख़राब हो जाने जैसी कई खबरें सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं। लेकिन ऐसे में ज़रूरी यह है कि आम जनता फेक खबर और सच्ची खबर में अंतर पहचान सके और लोगों को फेक न्यूज़ से दूर रहने के लिए जागरूक कर सके। भारत सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से वैक्सीनेशन पर पूरी तरह से ज़ोर दिया जा रहा है।
लोगों को जागरूक करने के लिए हर एक जिले में टीम बनाई गई है जो लोगों को जागरूक कर रहे हैं। इसके साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर चल रही फेक ख़बरों को लेकर सावधानियां बरतने के लिए भी हर तरीके का अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी सोशल मीडिया पर वैक्सीनेशन को लेकर काफी फेक न्यूज़ वायरल हो रही हैं। हमने लोगों ने इन फेक ख़बरों के बारे में ही जानकारी लेनी चाही।
कई लोगों का कहना है कि प्रशासन सही ढंग से लोगों को जागरूक नहीं कर पा रहा है जिसके कारण ऐसी खबरें वायरल हो जाती हैं। इसके साथ ही लोगों का यह भी कहना है कि ग्रामीण स्तर पर लोगों को कोरोना की वैक्सीन के बारे में जानकारी नहीं है, उन्हें लगता है कि टीकाकरण के बाद अगर बुखार आया है तो वो हानिकारक है। ऐसे में फेक खबरें और अफवाहें लोगों के मन में और भ्रम पैदा कर देती हैं। इसके साथ ही कुछ लोगों ने अशिक्षित लोगों को भी फेक न्यूज़ फ़ैलाने का ज़िम्मेदार ठहराया। लेकिन ऐसी ख़बरों को फैलाने का भागीदार भले कोई भी हो लेकिन ज़रूरी यह होगा कि कोरोना महामारी के इस दौर में आप फेक न्यूज़ और इसे वायरल करने के भागीदार होने से बचे रहे और अपने आसपास के लोगों को भी इस बारे में जागरूक करें।
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