खबर लहरिया जवानी दीवानी सोशल मीडिया हथियार भी, सिरदर्द भी

सोशल मीडिया हथियार भी, सिरदर्द भी

सोशल मीडिया एक ऐसा मीडिया है, जो बाकी सारे मीडिया (प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और समानांतर मीडिया) से अलग है। सोशल मीडिया इंटरनेट के माध्यम से एक वर्चुअल वर्ल्ड बनाता है जिसे उपयोग करने वाला व्यक्ति सोशल मीडिया के किसी प्लेटफॉर्म (फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम) आदि का उपयोग कर पहुंच बना सकता है।

यह मीडिया जहां हर किसी को बोलने और लिखने की आजादी है लेकिन सोशल मीडिया ने महिलाओं के प्रति ऑनलाइन हमलों को और तेज कर दिया है। अगर आप धर्म, राजनीति, समाज, खासकर महिलाओं के मुद्दों पर खुलकर राय रखती हैं, तो ऑनलाइन हमलों की आशंका बढ़ जाती है। पढ़े-लिखे कहे जाने वाले लोग महिलाओं को अपमानित करने वाले चुटकले, फोटो व संदेश फॉरवर्ड व शेयर करते चले जाते हैं। महिलाओं की वॉल पर अश्लील बातों से लेकर मार-पीट व यौन शोषण की धमकियां दी जाती हैं। सड़को पर छेड़खानी का शिकार होने के साथ ही अब युवतियां सोशल मिडिया में भी छेड़खानी का शिकार हो रही हैं। जानते हैं सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाली कुछ महिलाओं से जो अपने कामकाज के चक्कर में दिन रात इंटरनेट यूज करती हैं और वो काफी ट्रोल की गई हैं।

यह  मीडिया एक अपरंपरागत मीडिया  है। यह एक वर्चुअल वर्ल्ड बनाता है जिसे इंटरनेट के माध्यम से पहुंच बना सकते हैं।यह  मीडिया एक विशाल नेटवर्क है, जो कि सारे संसार को जोड़े रखता है। यह संचार का एक बहुत अच्छा माध्यम है। यह द्रुत गति से सूचनाओं के आदान-प्रदान करने, जिसमें हर क्षेत्र की खबरें होती हैं, को समाहित किए होता है।<सोशल मीडिया पर लड़की की फोटो वायरल, क्या होगी कार्यवाही?/div>

सोशल मीडिया   सकारात्मक भूमिका अदा करता है जिससे किसी भी व्यक्ति, संस्था, समूह और देश आदि को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध बनाया जा सकता है। सोशल मीडिया के जरिए ऐसे कई विकासात्मक कार्य हुए हैं जिनसे कि लोकतंत्र को समृद्ध बनाने का काम हुआ है जिससे किसी भी देश की एकता, अखंडता, पंथनिरपेक्षता, समाजवादी गुणों में अभिवृद्धि हुई है।