खबर लहरिया ताजा खबरें दिव्यांगों के लिए तो योजनाएं है अनेक लेकिन उन्हें फायदा मिले न एक? देखिए राजनीती रास राय

दिव्यांगों के लिए तो योजनाएं है अनेक लेकिन उन्हें फायदा मिले न एक? देखिए राजनीती रास राय

हेलो दोस्तों, मैं हूं मीरा देवी। खबर लहरिया की ब्यूरो चीफ। मेरे शो राजनीति, रस, राय में आपका बहुत बहुत स्वागत है। सरकारी योजनाओं का लाभ पाना लोगों का हक है लेकिन कुछ राजनैतिक लोग अपना नाम कमाने के लिए जबरजस्ती अपना नाम और मौजूदगी दिखा देते हैं जैसे इस समय तहसीलों में लगने वाले दिव्यांग जन के कैम्पों में देखने को मिल रहा है। 

 इस हफ्ते मैंने दिव्यांगों को मिलने वाली सरकारी योजनाओं पर खबर करी। दिव्यांग लोगों से मिली और लगभग दस से बारह महिला पुरूषों का इंटरव्यू की। जिसमें सिर्फ 6 लोगों ने बताया कि उनको 500 रुपये महीने के हिसाब से सिर्फ पेंशन मिलती है तो कुछ को ट्राई साइकिल मिली है बाकी और भी कोई योजनाएं खासकर दिव्यांगों के लिए हैं उनको जानकारी ही नहीं थी। यहां पर यह सवाल करना जरूरी है कि जागरूकता की जिम्मेदारी प्रशासन की है या राजनैतिक लोगों की या फिर खुद लोगों की?

जब मैं इसकी जवाबदेही के लिए जिला दिव्यांग जन सशक्तिकरण अधिकारी से मिली तो उनसे पता चला कि जिले में कुल 10586 दिव्यांग है जिसमें 10461 दिव्यांगों को दिव्यांग पेंशन योजना का लाभ वित्तीय वर्ष 2020-21 में दिया जा रहा है। 307 नए लाभार्थियों को चिन्हित किया गया है। बहुत ही अच्छी पहल समझ में आई विभाग की लेकिन इसके अलावा अधिकारी किसी भी योजना के बारे में नहीं बता पाए जबकि बांदा के नेता ये बताने में माहिर हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर या फिर और किसी मौके पर इतनी ट्राइसाइकिल का वितरण किया गया, या इस योजना का लाभ दिया गया।

बांदा जिले में दिव्यांगों पर एक नजर :

कुल दिव्यांग : 10586

पेशन धारक : 10400

महिला दिव्यांग : 2396

पुरुष दिव्यांग : 8004*

 हमारी रिपोर्टिंग और लोगों के बातचीत से पता चला है कि जिन घरों में पति-पत्नी दोनों विकलांग हैं तो उनका घर चलना, भरणपोषण करना बहुत खतरे में पड़ जाता है। ऐसे भी लोग है जिनके आमदनी और रहने के लिए छत नहीं है। किसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा। वह अपने घर से बाहर जाने में भी असमर्थ है तो सोचिए उनका गुजारा कैसे होता होगा? इतना ही नहीं प्रधानमंत्री ने एक भाषण में इनको नया नाम दिव्यांग जन दिया। विकलांग को दव्यांगजन का नाम देकर सम्मानित करने का दावा योजनाओं का लाभ न देकर सिर्फ राजनीतिक खेल ही समझ में आ रहा है। 

शॉट 5: सरकार की तरफ से इनके लिए आधा दर्जन से ज्यादा योजनाएं कागजी और रिकार्ड के तौर पर दौड़ रही हैं लेकिन वह पात्रता और जमीनी स्तर पर लागू कराने के लिए प्रशासन को काम करना होगा। इसके लिए मुख्यमंत्री थोड़े न आएंगे और न ही नेता मंत्री जिम्मेदारी लेंगे। हां नेता-मंत्रियों की जिम्मेदारी अगर कोई है तो वह है सरकारी योजनाओं के पीछे नाम कमाने की और राजनीति करने की।

1 दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान योजना, 

2 कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण योजना, 

3 दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना, 

4 दुकान निर्माण/संचालन योजना, 

5 विभिन्न श्रेणी के दिव्यांग छात्रों के लिए विभागीय विद्यालय व कौशल विकास केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है।

6 राज्य परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान करने की योजना

 साथियों इन्हीं विचारों के साथ मैं लेती हूं विदा, अगली बार फिर आउंगी एक नए मुद्दे के साथ। अगर ये चर्चा पसन्द आई हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। लाइक और कमेंट करें। अगर आप हमारे चैनल पर नए हैं तो चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें। बेल आइकॉन दबाना बिल्कुल न भूलें ताकि सबसे पहले हर वीडियो का नोटिफिकेशन आप तक सबसे पहले पहुंचे। अभी के लिए बस इतना ही, सबको नमस्कार!