खबर लहरिया जिला हमारे कपड़े छोटे या समाज की सोच? बोलेंगे बुलवायेंगे हंसकर सब कह जायेंगे

हमारे कपड़े छोटे या समाज की सोच? बोलेंगे बुलवायेंगे हंसकर सब कह जायेंगे

बोलेंगे बुलवाएंगे हंस के सब कह जाएंगे दोस्तों आ गई मै फिर एक नये मुद्दे के साथ नारीवादी चश्मे के साथ। आज का मेरे शो का मुद्दा है लडकियों के कपड़ो के पहनावे पर। आजकल लड़कियाँ फैंसी कपड़े जो पहनती हैं उनको समाज किस तरह के कल्चर की दुहाई देता है क्या सुनना पडता है आइए जानते हैं कुछ लोगो से।

सवाल बुजुर्ग महिलाओं से

– छोटे कपड़े क्यों नहीं पहनी अच्छा नहीं लगता था या पहनने नहीं दिया गया?
– मन होता था पहनने को? आप क्या पहनती हैं?

लड़कियों से सवाल

– आप किस तरह की ड्रेस पहनती है और अगर आजकल के फैंसी कपड़े पहनी हैं तो किस तरह के कमेंट सुनने को मिलते हैं?

पुरुषों से सवाल

– आपके यहाँ बेटी क्या पहनती हैं सूट पहनती हैं या फैंसी ड्रेस जीन्स वगैरह?
– क्यों सूट और साड़ी में क्या फर्क है?
– लड़कियों की पसंद है उसमें क्या असर पड़ता है ऐसी ड्रेस से?

कुछ यंग लड़की-लड़का से सवाल 

– आप बताइए लड़कियों के कपड़े जो आजकल फैशन है वो लडकियां पहनती हैं तो आपके हिसाब से क्या सही है या गलत है?

– लड़कियों के कपड़ों को लेकर लोग कमेंट करते हैं आपको क्या लगता है?

तो फिर आपके हिसाब से रोक किसमें लगनी चाहिए?

कमेंट

अब देखिए लड़कियों को इतना भी अधिकार नहीं की वो अपने पसंद से कपड़े भी पहन सकें। तो फिर लड़कों के लिए पुरूषो के लिए भी तो कोई कपड़े रहे होंगे। वो भी तो अब पैंट शर्ट और ड्रेस पहन रहे हैं तो फिर लड़कियों को ही क्यों रोका जाता है। उन्हें क्या पहनना चाहिए वो फैसला भी वो खुद नहीं कर सकती। सूट पहनना है या साड़ी पहननी है या स्कर्ट। मेरे हिसाब से ये पहने वाले की मर्जी होनी चाहिए उसे क्या पहना अछ्छा लगता है

तो दोस्तों कैसा लगा आपको मेरा ये शो अगर आपको मेरा ये शो पसंद आया हो तो लाइक करें सब्सक्राइब करें कमेंट करना बिल्कुल मत भूलिएगा। आपके कमेंट मेरा हौसला बढाते हैं । चलती हू मै फिर मिलूंगी अगले एपीसोड में नये मुद्दे के साथ, नारीवादी चश्मे के साथ।

 

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