महिलाएं गुटखा, शिखर और कुरकुरे के पैकेट से सुंदर-सुंदर टोकरियां बनाती हैं। यह वही पन्नियां हैं जिसका लोग अमूमन इस्तेमाल करके फेंक देते हैं। हम बात कर रहे हैं, बिहार के शिवहर जिले तरियानी प्रखण्ड के बेलहिया पंचायत में स्थित वैधनाथ पुर गांव की महिलाओं की।
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इन महिलाओं में से कमली देवी ने बताया है कि वे गुटखा, शिखर और कुरकुरे के पैकेटों की पैकिंग को अलग करके उन्हें इकट्ठा करती हैं और एक बोरे में संग्रहित करके रखती हैं। आगे कहा, वह एक साल तक कचरे में से प्लास्टिक पैकेटों को छांटकर पैकेटों को अलग करती हैं और इस पैकेट के साथ उचित मिश्रण करके घरेलू उपयोग के लिए कपड़े आदि चीज़ें बनाती हैं। वह इसे न केवल अपने लिए ही उपयोग करती हैं, बल्कि अपनी बेटियों, भतीजियों, भानजियों के विवाह में भी सामान चूड़ा, चावल, फसलें, कजरोटा आदि को संग्रहित रखकर देती हैं।
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