हैल्लो दोस्तों कैसे है आप सब? तो मैं एक बार फिर हाज़िर हूँ कुछ फ़िल्मी गपशप लेकर तो चलिए थोड़ा फ़िल्मी हो जाते है।
दोस्तों होली के दिन रिलीज़ हुई बच्चन पांडेय को अपने फैंस का बेइंतेहा प्यार मिला। सभी थ्येटर फुल रहे तो ज्यादा देरी न करते हुए हम आते हैं सीधे कहानी पर। कहानी की शुरुआत दिलचस्प ढंग से होती है। असिस्टेंट डायरेक्टर मायरा यानी कृति सेनन इंडिपेंडेंट डायरेक्टर बनने का सपना देख रही है और अपने सपने को पूरा करने के लिए वह एक गैंगस्टर की बायॉपिक बना कर नाम कमाना चाहती है। देश भर के कई गुंडे-बदमाशों पर रिसर्च करने के बाद अंततः वह बघवा पहुंचती हैं, जहां पर गैंगस्टर बच्चन पांडे के खौफ की तूती बोलती है।
ये भी देखें- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का खास तौफा : आओ थोड़ा फ़िल्मी हो जाएं
मायरा के साथ ऐक्टर बनने की ख्वाहिश रखने वाला उसका दोस्त विशु यानी अरशद वारसी भी है। बघवा उत्तर भारत की एक ऐसी जगह है, जहां अराजकता का राज चलता है। यहां दिन-दहाड़े गुंडे पुलिस की धुनाई करते हैं और पत्रकार को जिंदा जला दिया जाता है। यहां का माफिया सिर्फ गोलियों की जुबान जानता है और इन कुख्यात गुंडों का सरगना है बच्चन पांडे यानी अक्षय कुमार। मायरा, बच्चन पांडे पर फिल्म बनाने के लिए उसके बारे में सबकुछ जानना चाहती है और अपने दोस्त विशु यानी अरसद वारसी के साथ बघवा पहुंच जाती है। बस यही से शुरू होता है एक्शन, कॉमेडी, ड्रामा और मारधाड़ का सिलसिला। क्या मायरा फिल्म बनाने में कामयाब होती है या फिर बच्चन पांडे के हाथों दोस्त के साथ मारी जाती है। इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
अब आते है ऐक्टिंग पर तो बच्चन पांडे अपने विलन के किरदार में खौफ और कॉमिक रंग को एक साथ जोड़ा है। वे अपनी भूमिका को इंजॉय करते दिखते हैं। अक्षय का पत्थर वाली आंख उफ़ किसी भूतिया फिल्म की याद दिलाती है। वहीँ अगर बात करें कृति सेनन की तो वो भी काफी क्यूट लगी एक नई डायरेक्टर के रूप में अपने पिता को इज़्ज़त दिलाने के लिए डर के साथ ही जुनून देख कर मज़ा आया। अगर आप ऐक्शन या कॉमिडी फिल्म के फैन है तो आपको ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए लेकिन आप कोई शानदार लॉजिक वाली फिल्म देखना चाहते है तो ये फिल्म आपके लिए नहीं है। वैसे अगर मुझ से पूछें तो मैं फिल्मे मज़े के लिए देखती हूँ तो मुझे इसे देख काफी मज़ा आया। तो आज के लिए बस इतना ही दीजिये मुझे इज़ाज़त नमस्कार।
ये भी देखें : सत्ता के खेल में महिलाओं की हिस्सेदारी, देखें आओ थोड़ा फिल्मी हो जाए
यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें