विश्व पृथ्वी दिवस पर देखिये लॉकडाउन में कैसे पृथ्वी ने ली राहत की सांस :जिला बांदा| कोरोना वायरस जैसी महामारी से बचने के लिए सरकार ने पूरे देश को लॉक डाउन कर दिया लेकिन इसका असर पर्यावरण में बहुत ही अच्छा देखने को मिला जब इस को लेकर हमने कवरेज करना शुरू किया और लोगों से जाना कि लाख डाउन के चलते पर्यावरण की क्या स्थिति है तो लोग बहुत ही खुशी के साथ अलग-अलग तरह के विचार रख रहे थे लोगों का कहना था कि बड़े दिनों बाद पर्यावरण में अच्छा सुधार हुआ है और लोग चैन की सांस ले रहे हैं| लोगों का कहना है की लॉक डाउन के चलते कोई भी वाहन नहीं चल रहा ना कोई फैक्ट्रियां चल रही है और ना ही लोग बाहर निकल रहे हैं जिससे किसी भी तरह की गंदगी और ध्वनी नही फैली इस कारण पर्यावरण बहुत ही अच्छा हो गया है क्योंकि वाहनों से ध्वनि प्रदूषण होता था और धूल से वायु प्रदूषण होता था जिससे जल मृदा हर चीज प्रभावित होती थी लेकिन इस समय सब काम काज गाडी बसें बंद हैं| जिसस देश की एक तरफ अर्थव्यवस्था में तो प्रभाव पड़ा है लेकिन वहीं दूसरी तरफ पर्यावरण के लिए बहुत ही अच्छा असर भी हुआ है| जिसके चलते लोगों ने चयन की सांस ली है| इसके पहले पर्यावरण को प्रदुषण से मुख्त करने के लिए पैसा तो बहुत खर्च हुआ लेकिन सुधार नहीं हुआ था| आज अगर देखा जाए तो दिल्ली जैसे बड़े शहर में जहाँ लोगों को प्रदुषण के कारण आसमान नहीं दिखता था वहां नीला आसमान दिखने लगा हिमालय कि चोटी दिखने लगी है| नदियों का पानी एक दम स्वच्छ हो गया है इस लिए पर्यावरण बचाने के लिए लॉक डाउन एक बहुत ही अच्छा तरीका है और इसके पहले लॉक डाउन जैसे का महौल त्योहारों में होता भी था की सब चीजें हफ्तों के लिए बड़े-बड़े त्योहारों में बंद हो जाती थी और पर्यावरण अच्छा रहता था| लेकिन बदलते समय के बहनों का बढना लोगों का शहरों की ओर झुकाव नदियों का खनन ये सब हमेशा चलने के कारण पर्यावरण प्रभावित हो रहा है| वह लोग ये नहीं चाहते की लॉक डाउन रहे और अर्थव्यवस्था प्रभावित हो लेकिन पर्यावरण वरण को बचाने के लिए कुछ तो ऐसे तरीके अपनाने चाहिए जिससे हमारा पर्यावरण अच्छा रहे जैसे इस समय है|