नमस्कार दोस्तों मैं हूं सुनीता प्रजापति लेकर आई हूं अपना शो जासूस या जर्नलिस्ट। दोस्तो आपको पता होगा कि पूरे प्रदेश भर में नारी शक्ति अभियान चलाया गया है। जिससे महिलाओ और लड़कियों के साथ हो रही हिंसा को रोका जा सके। उनके नियम कानून की बातें की गई है। पर आपको क्या लगता है इससे महिला हिंसा रुकेंगी। जी नही इसी साप्ताहिक चल रहे कार्यक्रम में एक लड़की गैंगरेप की शिकार हुई है। तो इस पूरे वीडियो देखने के लिए बने रहिए मेरे साथ जासूस या जर्नलिस्ट पर।
यूपी पुलिस ने और कुछ किया न हो लेकिन महिला हिंसा में रिकॉर्ड बनाया है देखिए जासूस या जर्नलिस्ट में
दोस्तो मामला महोबा जिले के एक गाँव का है। जहाँ पर 21 अक्टूबर को एक लड़की के साथ गैंगरेप का मामला निकल कर सामने आया था। पीड़ित परिवार ने इसकी तहरीर पनवाड़ी थाना में दी थी, जहां पर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा लिख लड़की के मेडिकल चेकप के लिए महोबा भेजा।
पीड़ित लड़की के पिता ने बताया कि हमारी लड़की देवी की मूर्ति देखने गयी थी। तभी अशोक अहिरवार ने लड़की से कहा कि आपकी मम्मी बुला रही है। लड़की उसके साथ पंडाल से आ गई। रास्ते मे सतीश और बृजेन्द्र राजपूत थे, सब लोगो ने मुँह और हाथ बांध दिया। अशोक ने लड़की के साथ रेप किया सब लोग सहयोग कर रहे । जब काफी देर तक लड़की घर नही आई तो हमने खोजना शुरू किया। देखा कि मकान के पीछे लड़की को पकड़े थे। हम लोग रात को ही लड़की को लेकर थाना गए, दूसरे दिन लड़की का मेडिकल हुआ, और फिर मुकदमा लिखा गया। तीनो लोगो को पुलिस ने जेल भी भेज दिया है।
पीड़ित लड़की की मां ने बताया कि आरोपी के परिवार वाले आये दिन घर आकर राजीनामा का दबाव बनाते है। पैसा देने की बात करते है। हम लोग राजीनामा नही करते तो गाली गलौज करते है और जान से मारने की धमकी देते है।
पहले नाबालिक के साथ बलात्कार, फिर उसे गाँव भी क्यों छोड़ना पड़ा? | जासूस या जर्नलिस्ट
हालांकि पुलिस ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए धारा 376 डी (गैंग रेप के) और एससीएसटी एक्ट के तहत अशोक अहिरवार, सतीश राजपूत और बृजेन्द्र राजपूत के खिलाफ मुकदमा लिख तीनों अपराधियों को पकड़ कर जेल भेज दिया है।
जब इस मामले में हमने दुबारा से अलग अलग लोगो ने बात की तो पता चला की लड़की का अशोक नाम के लड़के से प्रेम प्रसंग चल रहा था। पर मौके पर रात को लड़की की मां ने देख लिया मुकदमा लिखाया गया है, जब कि कुछ लोग यह भी कह रहे थे कि जो दो राजपूत लड़के है, उनका एक गैंग है, पहले वो लड़कियों के साथ रेप करते है और फिर पैसा देकर मुँह बन्द करवा देते हैं। पीड़ित परिवार गरीब होने के कारण नही कुछ बोल पाता है। उस दिन भी यही होने वाला था। पर पीड़ित परिवार उसी रात को थाने पहुँच गए, इस लिए उनकी सुनवाई हो गई। अगर रात को थाने नही जाते तो मामला घर मे ही सुलझ जाता।
अब सवाल ये उठ रहा है कि पुलिस क्या आरोपियों की और भी जांच कर उनके कारनामे खोलेगी, या ऐसे ही निपटा देगी। आरोपियों को जेल तो भेज दिया, पर क्या पीड़ित सुकून से रह पाएगा। या दबाव में आ जायेगा। ऑफ रिकार्डिंग पुलिस के अनुसार ज्यादातर मामले प्रेम प्रसंग के होते है, देखने पर उन्हें रेप में बदल दिया जाता है। पुलिस के लिए ये बड़ा सवाल है कि पुलिस को कैसे पता कि मामला प्रेम प्रसंग के होते है, क्या पुलिस को पहले से पता होता है।
मामला प्रेम प्रसंग का होने कारण ही शायद पुलिस पीड़ित की सुनवाई नही करती और भटकती रहती है। अगर ऐसा है तो उत्तर प्रदेश पुलिस को अपना रवैया बदलना होना, पीड़ित के बयान पर पुलिस कौन होती है टीका टिप्पड़ी करने वाली।
तो दोस्तो ये थी हमारी आज की जासूसी भारी कहानी, अगले एपिसोड में फिर मिलते है नए केस के साथ। अगर आपको यह वीडियो अच्छा लगा हो तो लाइक शेयर करें, चैनल को सब्सक्राइब करें, अभी के लिए इतना ही नमस्कार |