इस बार चउरा दरबार शो में बात करेंगे नए तरह के ‘टोपरा गोलइया’ कि जो बनारस में बहुत अच्छी मिलती है। वाराणसी जिले के उदयपुर गांव में महिलाएं और पुरुष सब मिलकर बांस के बहुत सुंदर-सुंदर टोपरा बनाते हैं। उन टोपरो को बेचने के लिए भी उन्हें मार्केट के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। दुकानदार खुद उनके घरों से ही खरीद ले जाते हैं। खैर हमारे बुंदेलखंड में भी टोपरा और गोलइया बनते हैं लेकिन वह कुछ अलग है।
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महिलाएं और पुरुषों से हमने जाना तो उनका कहना था कि यह उनका पुश्तैनी काम है जो वे हमेशा से करते आ रहे हैं। समय लगता है लेकिन उसके अलावा उनके पास और कोई रोजगार नहीं है। वह अपने घर में बैठकर बनाते रहते हैं लेकिन नई पीढ़ी फिर भी अब इस काम को कम कर रही है।
वह कहते हैं कि उनका रोजगार भी रहता है और घर बैठके काम भी हो जाता है। खरीदने वाले लोग भी घर से ही खरीद ले जाते हैं। साथ ही जब एक साथ 4 से 6 लोग बैठ कर बनाते हैं तो गपशप बातें और मनोरंजन भी होते रहते हैं।
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