टेक्नोलॉजी की मदद से चीज़ें जल्दी और कम समय में बन जाती है। ऐसे में जो लोग हाथ से बनाये सामान का व्यापार करते हुए लोगों का बिज़नेस घाटे में जा रहा है। बिहार के जिला समस्तीपुर के गांव साथ्मलपुर के लोग ताड़ के पत्ते से हाथ वाला पंखा सालों से बनाते आ रहे हैं। इस रोज़गार से उनकी कोई आमदनी नहीं हो पाती है, ऊपर से टेक्नोलॉजी के आने की वजह से यह पेशा भी धीरे-धीरे खत्म सा होता जा रहा है।
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आज भी ये हाथ वाले पंखे 5 रुपय प्रति पीस के हिसाब से बेचते हैं। इससे इनकी क्या ही आमदनी बनती होगी। यहाँ के लोगों का कहना है कि अब लोग प्लास्टिक वाला पंखा इस्तेमाल करना ही पसंद करते हैं। जो लोग थोड़ा बहुत पढ़े-लिखे हैं वह भी प्लास्टिक वाले फैक्टरियों में जाकर काम करने लगे हैं। यहाँ पर एक दो परिवार को छोड़ कर सारे परिवार के लोग यही काम करते हैं।
उनकी सरकार से यही मांग है कि वह यहाँ के लोगों को प्रोत्साहन दे ताकि इन लोगों का मनोबल बढ़े और इस बिज़नेस में और बढ़ोत्तरी हो।
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