21 फरवरी, 2021 को बॉलीवुड अदाकारा करीना कपूर ने मुंबई में अपने दूसरे बेटे को जन्म दिया। जहाँ करीना और सैफ के फैंस ने ट्विटर पर ट्ववीट करके इसकी ख़ुशी मनाई और नए माँ–बाप को बधाई दी,वहीँ दूसरी ओर सोशल मीडिया पर लोगों का एक समूह इसी बारे में नफरत फैलाता नज़र आया।
जैसे ही करीना के दूसरे बेटे के जन्म की खबर मीडिया पर आयी, सबसे पहले तो घृणा से भरे कुछ लोगों ने उस नवजात बच्चे को नाम देना शुरू कर दिया। असंवेदनशीलता से भरे ये लोग इतना नीचे गिर गए की सैफ–करीना के रिश्ते को लव–जिहाद का नाम दे दिया और मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब से उस बच्चे की तुलना करने लग गए।
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पहले भी झेलनी पड़ी है सैफ-करीना को यह ट्रोलिंग-
बता दें कि वर्ष 2016 में जब करीना कपूर और सैफ अली खान के बड़े बेटे तैमूर अली खान का जन्म हुआ था, और जब करीना–सैफ ने अपने बच्चे के नाम की घोषणा की थी तब भी लोगों के द्वारा सोशल मीडिया पर इसी प्रकार का आक्रोश देखने को मिला था। क्यूंकि तब उनका मानना था कि तेहरवीं सदी का एक राजा जिसका नाम तैमूर था, उसने दिल्ली पर कब्ज़ा कर लिया था और लोगों को बहुत प्रताड़ित किया था। बहुत ही छोटी सोच रखने वाले कुछ व्यक्तियों ने तो यहाँ तक कह डाला था कि सैफ आतंकवादी है और उसका अपने बेटे का नाम तैमूर रखना यह दर्शाता है कि वो भारत में इस्लामोफ़ोबिया फैलाना चाहता है।
जैसे–जैसे साल बीता हमें लगा था कि शायद लोगों की मानसिकता में कुछ सुधार आया होगा और वो एक नवजात शिशु के लिए ऐसी मूर्खतापूर्ण मानसिकता को त्याग देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
जब से गर्भवती होने की खबर दी थी, तब से ही नाम को लेकर न्यूज़ में थीं करीना-
जब से करीना कपूर ने अपने गर्भवती होने की खबर मीडिया को दी थी, तब से ही उनके फैंस उनके ऊपर प्यार और शुभकामनाओं की वर्षा कर रहे थे और दूसरी ओर कुछ लोग जो बच्चा अभी इस दुनिया में आया भी नहीं था, उसके लिए नए–नए नाम सोच रहे थे और उस बच्चे को ट्रोल कर रहे थे।
जैसे ही लोगों को करीना और सैफ के बेटे के होने की खबर मिली, लोग उस बच्चे को वापस से आतंकवादी और हिटलर जैसे नामों से बुलाने लग गए।
देखा जाये, तो यह सिर्फ ऐसे लोगों की मानसिकता को दर्शाता है कि वे 21वीं सदी में भी एक हिन्दू महिला को एक मुस्लिम धर्म के पुरुष से प्यार करता नहीं देख सकते। जब हीनमानसिकता से भरे इन लोगों ने गाँव और छोटे शहरों की लड़कियों को नहीं छोड़ा और और धर्म के नाम पर प्रेमी जोड़ों को मार डाला, तो सैफ और करीना तो फिर भी बॉलीवुड के सितारे हैं। जब ये हस्तियां भी अब ट्रोलर्स और ऐसी मानसिकता रखने वाले लोगों से हार मान चुकी हैं तब उन मासूम लड़कियां का क्या हाल होता होगा जिनको पास उन्हें सहयोग करने के लिए कोई नहीं होता।
In Israel it is illegal to name your child Hitler. Why would you name a child after a brutal mass murderer of your people?
In India, some celebrities named their child after mass-murderer Taimur.
It is disgusting this ignoramus doesn't have the sensitivity to call it out. https://t.co/2eRwlFP5Ak
— Sankrant Sanu सानु संक्रान्त ਸੰਕ੍ਰਾਂਤ ਸਾਨੁ (@sankrant) February 21, 2021
सिर्फ नफरत फैलाना चाहते हैं कुछ लोग-
ऐसे लोगों का मकसद सिर्फ हमारी संस्कृति और इतिहास को इस तरह से मोड़ना–तोडना है कि ये देशवासियों के दिमाग में लव–जिहाद और इस्लामोफोबिया जैसे गैर–ज़रूरी और अत्यंत अरोचक मुद्दों को डाल सकें।
उस बच्चे को औरंगज़ेब जैसे नाम से बुलाना भी सिर्फ यही दर्शाता है कि लोगों को ऐसा माहौल उत्पन्न करना है जिससे असांप्रदायिकता फैले। और ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, लोगों की असंवेदनशीलता हमें कई बार देखने को मिली है, चाहे वो सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड का मामला हो जिसमें हर किसी ने रिया चक्रबर्ती को आरोपी ठहराया था या इरफ़ान खान और ऋषि कपूर की मौत का जिसमें जब इन दोनों के परिवार के सदस्य अगर पार्टी करते या किसी ख़ुशी के मौके में शामिल होते पाए गए तो उन्हें अलग–अलग नामों से बुलाया गया। इन लोगों ने हर बार, हर मामले को इस तरह से मोड़ा है कि लोगों ने या तो औरतों को दोषी ठहराया है या फिर इस्लामोफोबिया का हवाला देकर कुछ लोगों को नीचा दिखाया है।
Keep names of mass murderers of Hindus like Taimur and Aurangzeb and took out rallies showing Hindus chained and chant hindutwa free country then complain of Islamphobia .. well done https://t.co/PaWa97DF1W
— exsecular(Modi ka Parivar) (@ExSecular) February 22, 2021
तैमूर के नाम को लेकर हुई कंट्रोवर्सी पर सैफ और करीना से पूछा गया था, तब उन दोनों ने ही निराशा जताते हुए कहा था कि इसका उन दोनों के मानसिक स्वास्थय पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा था और वो सोचते थे कि अगर भारत की जनता इतनी प्रभावित हो रही है “तैमूर” नाम से तो उन्हें नाम बदल ही देना चाहिए। सैफ अली खान ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह तैमूर का नाम बदल कर उर्दू के मशहूर शायर फैज़ अहमद फैज़ से प्रेरित होकर “फैज़” रखना चाहते थे लेकिन तब उनके परिवार वालों ने कहा कि लोग इस नाम पर भी बवाल बना देंगे इससे बेहतर है यही नाम छोड़ दिया जाये। अगर इस बात पर गौर करें, तो कहीं न कहीं इसमें सच्चाई ही है, लोगों को बस मौका चाहिए किसी भी व्यक्ति की भावनाओं का मज़ाक उड़ाने का।
आखिर कब तक हम इस क्रूर मानसिकता के शिकार होते रहेंगे? आज इस मासिकता का शिकार सेलेब्रिटीज़ हो रहे हैं, कल को आम जनता होगी। क्या हम तब भी ऐसे ही हाँथ पर हाँथ धरे बैठे रहेंगे और इन ट्रॉल्स को सिर्फ पढ़ते रहेंगे और इन घटिया चुटकुलों पर हँसते रहेंगे ?
चलिए अब ये तो वक़्त ही बताएगा कि करीना और सैफ अपने बेटे का क्या नाम रखते हैं पर इतना तो हम यकीन से कह सकते हैं कि नाम जो भी होगा उसपर कोई न कोई व्यक्ति आपत्ति ज़रूर जताएगा मानो उसके ही बच्चे का नामकरण किया जा रहा हो।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए फ़ाएज़ा हाशमी द्वारा लिखा गया है।