नई दिल्ली: लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले राहुल गांधी: सिर्फ लॉकडाउन के ज़रिये वायरस खत्म करते-करते कहीं इकोनोमी पूरी तरह चौपट न कर लें:
भारत में कोरोना वायरस संकट के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि लॉकडाउन कोरोना का हल नहीं है। यह एक तरह से पॉज बटन की तरह है। राहुल गांधी ने कहा, ”बीते कुछ महीनों में मैंने देश-विदेश के कई विशेषज्ञों से बात की है। लॉकडाउन कोरोना वायरस का समाधान नहीं है। जब हम लॉकडाउन से बाहर आएंगे तो वायरस तेज़ी से फैलेगा। लॉकडाउन से हमें वो वक़्त मिला है जिसमें हम अपनी तैयारियां पूरी कर सकें। अस्पतालों की स्थिति, मेडिकल उपकरण और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बना सकें। ताकि जब वायरस का संक्रमण बढ़े तो हम उससे निपटने में सक्षम हों।
कांग्रेस नेता ने कहा कि टेस्टिंग जिस पैमाने पर होना चाहिये नहीं हो रहा है। कोविड-19 के ख़िलाफ लड़ाई टॉप डाउन न हो। पीएम मुख्यमंत्रियों को इम्पावर करें। जिला स्तर, ब्लॉक स्तर पर लड़ाई ज़्यादा कारगर है। मेरे क्षेत्र केरल के वायनाड में भी यही कारगर हुआ। टेस्टिंग पर जो हो गया हो गया। मैं उस पर कुछ नहीं कह रहा। आगे देखना चाहिए।
लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र की ओर से जिस स्पीड से पैसा पहुंचना चाहिए, वो नहीं पहुंच रहा है। आज गोदाम में राशन पड़ा है उसे लोगों तक पहुंचाइए, न्याय योजना को लागू कीजिए जो लोग सबसे गरीब हैं उन्हें पैसे की जरूरत है। राहुल ने कहा कि भले ही आप न्याय योजना का नाम बदल लीजिए, लेकिन ऐसा काम जरूर कीजिए।
कोरोना से लड़ने के लिए मेडिकल और इकोनोमी दोनों मोर्चे पर लड़ना होगा। खाद्य क्षेत्र को मजबूत कीजिए। ज़रूरतमंदों को राशन कार्ड दीजिए। बेरोजगारी आने वाली है। उससे लड़ने की तैयारी कीजिए। सिर्फ लॉकडाउन के जरिए वायरस खत्म करते-करते कहीं इकोनोमी न पूरी तरह चौपट कर लें। कोविड महामारी मैनेज हो सकता है खत्म नहीं हो सकता।
राहुल ने कहा कि सरकार को मेरा सुझाव है कि टेस्टिंग बढ़ाए और टेस्टिंग की रणनीति बनाई जाए। उन्होंने मज़दूरों और दिहाड़ी करने वालों के लिए खाने का इंतज़ाम करने की वकालत करते हुए कि खाद्य क्षेत्रों को मज़बूत किया जाना चाहिए, ज़रूरतमंदों को राशन कार्ड दिया जाना चाहिए, न्याय स्कीम के तहत ग़रीबों के खाते में सीधे पैसा जाना चाहिए. कोरोना के ख़िलाफ़ तो लड़ाई अभी शुरू हुई है और ये लड़ाई लंबी चलेगी।
राहुल गांधी ने कहा कि ये समय सरकार और विपक्ष के बीच लड़ाई का नहीं है बल्कि ये कोरोना वायरस से लड़ने का समय है। उन्होंने सरकार के ज़रिए जारी किए गए आर्थिक पैकेज को बहुत थोड़ा बताते हुए और पैसे देने की बात की और प्रवासी मज़दूरों को लेकर रणनीति की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
गौरतलब है कि राहुल गांधी कई बार सरकार को कोरोना वायरस के मसले पर घेर चुके हैं। जिसमें देश में कम हो रहे कोरोना टेस्ट की संख्या, पीपीई-टेस्टिंग किट की कमी का मुद्दा वो उठाते रहे हैं। राहुल गांधी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस मसले पर चिट्ठी लिखी गई है। राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन के बीच सामने आई स्थिति से निपटने के किए सुझाव दिए थे।
देश में कोरोना वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या गुरुवार को 414 हो गई और मामलों की संख्या बढ़कर 12,380 तक पहुंच गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 के 10,477 मरीजों का अभी भी इलाज चल रहा है, जबकि 1,488 लोग ठीक हो चुके हैं और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है और एक विदेशी नागरिक अपने देश चला गया है। कुल मामलों में 76 विदेशी नागरिक शामिल हैं। मंत्रालय ने अपने अद्यतन आंकड़ों में कहा है कि बुधवार शाम से 22 मौतें हुई हैं।
मंत्रालय के मुताबिक, इनमें से महाराष्ट्र में नौ, आंध्र प्रदेश में पांच, गुजरात में तीन, दिल्ली और तमिलनाडु में दो-दो और कर्नाटक में एक-एक मौत हुई है। अब तक कुल 414 मौतों में से, सबसे ज्यादा 187 मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं, इसके बाद मध्य प्रदेश में 53, गुजरात में 33, दिल्ली में 32 पर और तेलंगाना में 18 मौतें हुई हैं। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 14-14 लोगों के मारे जाने की सूचना है। पंजाब में 13 मौतें हुई हैं जबकि कर्नाटक में 12 मौतें हुई हैं और उत्तर प्रदेश में 11 मौतें हुई हैं। पश्चिम बंगाल में सात मौतें दर्ज की गई हैं। इकोनोमी चौपट की बात कुछ समझ नहीं आई