टीकमगढ़ में कलेक्ट्रेड के सामने प्राइवेट स्कूल के संचालक 14 दिसंबर से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे हैं। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है की यह आंदोलन हमारी मांगे पूरी ना होने तक लगातार जारी रहेगा।
प्राइवेट स्कूल के संचालक जिला अध्यक्ष राजेश खरे ने बताया है कि पिछले 5-6 महीनों से मध्य प्रदेश के प्रत्येक जिले एवं ब्लॉक से प्रायवेट स्कूल संचालकों एवं विभिन्न स्कूल के संगठनों द्वारा अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन पत्र भेजे गए, लेकिन हमारी मांगों को आज तक पूरा नहीं किया गया। इसके कारण हम लोग 14 दिसंबर से धरने पर बैठे हुए हैं। यह आंदोलन हमारी मांगे पूरी ना होने तक लगातार जारी रहेगा।
क्या हैं मांगे?
सचिव रामकुमार यादव का कहना है कि मध्य प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों को इस आर्थिक संकट में सत्र 2020-21 तक की फीस प्रतिपूर्ति अभिलंब की जाए।शासकीय स्कूलों द्वारा प्राइवेट स्कूलों के छात्र-छात्राओं को बिना टी,सी मार्कशीट के इस सत्र में प्रवेश दे दिया गया है इनमें से कुछ छात्र-छात्राएं प्राइवेट स्कूल में आरटीई के अंतर्गत भी अध्ययनरत थे। अतः इन शासकीय स्कूलों पर नियम विरोध प्रवेश लेने के लिए कानूनी कार्रवाई की जाए। शासकीय और अशासकीय स्कूलों के नाम पर यह भेदभाव समाप्त किया जाए। दोनों के लिए सभी नियमों का पालन एवं प्रत्येक विभागीय नियम आदेश समानता से लागू होना चाहिए। कक्षा एक से आठवीं तक के प्राइवेट स्कूलों को 5 वर्ष की स्थाई मान्यता प्रदान की जाए। कक्षा एक से आठवीं तक प्राइवेट स्कूल भी 1 जनवरी से खोले जाएं तथा सत्र 2020-21 को 30 मई तक जारी रखा जाए नया सत्र जुलाई 2021 से प्रारंभ किया जाए।
प्राइवेट स्कूलों को स्कूल में परीक्षाएं आयोजित करने की स्वतंत्रता दी जाए। बिना परीक्षा में सम्मिलित हुए किसी भी छात्र को अगली कक्षा में प्रमोट ना किया जाये। अभिभावकों को प्राइवेट स्कूल की ट्यूशन फीस 1 माह के अंदर जमा करने हेतु स्पष्ट प्रशासनिक आदेश जारी किया जाए।
प्रदेश अध्यक्ष तौशीफ हाशमी ने बताया कि यह हमारी मांगे हैं और अगर हम लोगों की मांगे पूरी नहीं हुई तो हम लोगों का आंदोलन जारी रहेगा, इसलिए श्रीमान जी से निवेदन है फीस प्रतिपूर्ति करवाकर प्राइवेट स्कूल संचालकों को इस आर्थिक संकट से उबारने का कष्ट करें।
क्या कहते हैं एसडीएम?
एसडीएम सौरभ मिश्रा जी से बात की तो उनका कहना है कि सभी प्राइवेट स्कूल के संचालकों से बात करेंगे। उनकी जो भी मांगे इस बात को हम कलेक्टर महोदय के पास रखेंगे। जो भी आदेश होगा उसका पालन किया जायेगा।