जिला प्रयागराज ब्लॉक शंकरगढ़ के गांव नीबी की सरमन बस्ती में लोगों का आरोप है कि उनके पास आयुष्मान कार्ड की सुविधा नहीं है जिसकी मदद से वो अपना इलाज करा सकें। गांव में कई मरीज़ कैंसर से ग्रस्त हैं और गरीबी और बेरोज़गारी के चलते ये लोग इलाज करने में असक्षम हैं। गांव की एक महिला के पति की मौत हाल ही में कैंसर से हुई है।
महिला ने बताया कि उसके पति की उम्र सिर्फ 30 साल थी। इन लोगों के पास न ही आधार कार्ड था और न ही गोल्डन कार्ड, महिला ने एक-डेढ़ लाख का क़र्ज़ लेकर प्राइवेट अस्पतालों में कई महीने इलाज करवाया लेकिन पैसे के अभाव के चलते उन्हें सही इलाज नहीं मिल पाया और कुछ महीनों में ही उसके पति की मौत हो गयी।
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मृतक व्यक्ति के रिश्तेदारों का कहना है कि गांव में किसी के पास आयुष्मान कार्ड नहीं है। किसी भी तरह की बड़ी बीमारी के लिए उन्हें प्राइवेट अस्पतालों में जाकर इलाज कराना पड़ता है। लोगों के पास कमाने का भी कोई ज़रिया नहीं है, ज़्यादातर लोग भीख मांगकर ही अपना गुज़ारा करते हैं। गांव की बुलाकन नाम की एक वृद्ध महिला भी ब्लड कैंसर से ग्रसित हैं। महिला के परिवार में कोई नहीं है, वो पैसे मांगकर अपनी रोज़ी-रोटी चला रही है। इलाज कराने के लिए भी उसके पास कोई तरीका नहीं है। महिला ने कुछ दिन प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराया लेकिन अस्पताल की बढ़ती फीस के चलते उसे अपना इलाज रोकना पड़ा।
शंकरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक अभिषेक सिंह का कहना है कि यदि गांव में कोई ऐसी पीड़ित महिला है तो वो जल्द से जल्द स्वास्थ्य विभाग में आये और उसका आयुष्मान कार्ड बनवाया जाएगा, साथ ही किसी अस्पताल से संपर्क भी कराया जाएगा ताकि उसे सही इलाज मिल सके।
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नीबी पंचायत सहायक श्रद्धा मिश्रा का कहना है कि अभी तक गांव में 460 आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं, जिसके पास लाल कार्ड है उसी का गोल्डन कार्ड भी बन रहा है। वो अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही हैं कि हर पात्र व्यक्ति का आयुष्मान कार्ड बन सके।
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