खबर लहरिया Blog Chamoli: करंट लगने से 16 की मौत, नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर हुई घटना

Chamoli: करंट लगने से 16 की मौत, नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर हुई घटना

नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत बने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट पर अचानक 19 जुलाई को लगभग 11 बजे करंट फैल जाने से 16 लोगों की मौत हो गई है। इतना ही नहीं 11 लोग गंभीर रूप से झुलस भी गए हैं।

 Chamoli accident,16 killed due to electrocution at Namami Gange project site

                                        चमोली में करंट लगने से 16 लोगों की मौत/ फोटो – अमर उजाला

उत्तराखंड। चमोली जिले के अलकनंदा नदी के किनारे नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत बने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट पर अचानक 19 जुलाई को लगभग 11 बजे करंट फैल जाने से 16 लोगों की मौत हो गई है। इतना ही नहीं 11 लोग गंभीर रूप से झुलस भी गए हैं। झुलसे हुए लोगों को स्थानीय लोगों की मदद से जिला चिकित्सालय इलाज के लिए भेजा गया। जहां से 6 लोगों को हायर सेंटर एम्स ऋषिकेश के लिए रेफर कर दिया गया है,तो वही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली में हुए इस भीषण हादसे का जायज़ा लेते हुए मृतक के परिवारों को पांच-पांच लाख का मुआवजा देने और घायलों को एक-एक लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया है।

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अचानक फैला करंट, कई अलकनंदा में कूद गए

चमोली जिले के सेम डूंगरा गांव के दीपक फर्स्वाण के अनुसार मंगलवार रात को हरमनी गांव के गणेश की प्लांट परिसर में मौत हो गई थी। सूचना मिली तो ग्रामीण सुबह प्लांट गए। मृतक के परिजनों को एक करोड़ मुआवजा और उसके भाई को सरकारी नौकरी देने के लिए प्रदर्शन करने लगे। विरोध देख स्थानीय प्रशासन और पुलिस के जवान भी मौके पर पहुंच गये थे। इसी बीच प्लांट की अचानक बिजली ऑन हो गई और शॉर्ट सर्किट हो गया। कई लोग करंट की चपेट में आ गए। जैसे-तैसे धक्का मारकर वहां पर दरवाजा खुलवाया। इस दौरान कुछ लोग भागते हुए जान बचाने के लिए अलकनंदा नदी में भी कूद गए। आरोप लगाया कि कार्यदायी संस्था ने वहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए थे। जिसके चलते इतना बड़ा हादसा हुआ है।

पंचनामा की कार्यवाही होते समय हुआ है ये बड़ा हादसा

अमर उजाला से मिली जानकारी के अनुसार, हारमनी गांव के गणेश उस प्लांट में ऑपरेटर के पद पर मौजूद थे। उनकी मौत की वजह भी करंट लगना बताया जा रहा है। 19 जुलाई को सुबह जब परिवार, ग्रामीण और पुलिसकर्मी की मौजूदगी में पंचनामा की कार्रवाई हो रही थी उस समय बिजली नहीं आ रही थी। जानकारी के मुताबिक 11:00 बजे प्लांट पर तेज धमाका हुआ और प्लांट जाने वाले रास्ते की लोहे की रेलिंग में अचानक करंट आ गया।

पुल पर जमा लोग एक दूसरे के ऊपर गिरने लगे

सकारा पुल पूरी तरह लोगों की भीड़ से भरा हुआ था। पुल में भी करंट पहुंच गया और वहां खड़े लोग एक दूसरे के ऊपर अचेत होकर गिरने लगे। ये देख हाहाकार मच गया। कुछ लोग जान बचाकर भाग पाए और कुछ झुलस गए लेकिन देखते ही देखते इतना बड़ा हादसा हो गया जिससे ग्राम प्रधान, पीपलकोटी,चौकी प्रभारी और तीन होमगार्ड जवान स्थित 16 लोगों की मौत भी हो गई। अब इस घटना से पीड़ित परिवारों में तो कोहराम मचा ही हुआ है लेकिन पूरा चमोली भी दहशत में है।

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हादसे की वजह साफ़ नहीं

प्लांट संचालक कांफिडेंट इंजीनियरिंग के प्रबंधक भाष्कर के अनुसार प्लांट में 415 वोल्ट बिजली सप्लाई होती है। बुधवार को सुबह अचानक 11,000 वोल्ट बिजली आने की वजह से हादसा हुआ है। जबकि यूपीसीएल प्रबंध निदेशक अनिल कुमार का कहना है कि तकनीकी तौर पर 11 केवी की लाइन से ट्रांसफार्मर की मदद से 440 वोल्ट बिजली सप्लाई की जा रही थी। 11 हजार का करंट आगे जाता तो सबसे पहले ट्रांसफार्मर, केबिल और फिर मीटर फट जाता। यूपीसीएल ने प्राथमिक जांच में मीटर तक आपूर्ति के उपकरण दुरुस्त पाए हैं। उनका यह भी कहना है कि प्लांट के भीतर किसी व्यक्ति की मौत की खबर बिजली विभाग को नहीं थी। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में हुए हादसे के पीछे क्या कारण है, यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

मुआवज़ें के बल पर पोछें जा रहे मृतकों के परिवारों के आंसू

सरकार भले ही मुआवजे की बात कह कर मृतक परिवारों के और घायलों के आंसू पोछने का काम कर रही हो, प्रधानमंत्री भले ही घटना के बाद दुःख जता रहे हो,लेकिन जब मंगलवार की रात करंट लगने से ही एक ऑपरेटर की मौत बताई जा रही है, तो फिर वहां के कार्यकर्ता क्यों सजक नहीं हुए और कैसे इतना बड़ा हादसा हो गया, यह एक बड़ा सवाल है। क्या मुआवजे के बल से उन मृतक लोगों की जिंदगी लौट आएगी? आखिरकार मुआवजे के अलावा प्रशासन इसमें किस तरह की कड़ी जांच और छानबीन करेगी और क्या कार्यवाही होगी यह भी एक बड़ा सवाल है। यह कोई पहली घटना नहीं है जहां पर पैसे के बल से आंसू पोछें जा रहे हैं और लोगों के मुंह बंद कराए जा रहे हैं। इससे पहले भी कई ऐसी घटनाएं हो चुकी है उत्तराखंड में ही भले ही उनके कारण अलग-अलग रहे हो।

इस खबर को गीता देवी द्वारा लिखा गया है। 

 

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