वाराणसी में 24 मई 2021 दिन सोमवार को पेट्रोल की कीमत 0.31 रूपए बढ़कर 91.16 रूपए प्रति लीटर पहुँच गयी है, वहीँ डीज़ल भी 0.41 रूपए बढ़कर 84.87 प्रति लीटर के रेट से बिक रहा है।
जहाँ एक तरफ देश में कोरोना महामारी के कहर के चलते लाखों परिवारों के रोज़गार का ज़रिया छिन चुका है, वहीँ दूसरी तरफ अब देश महंगाई की मार भी झेल रहा है। केंद्र सरकार मई के महीने में अब तक 9 बार पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ा चुकी है जिससे आम जनता काफी आक्रोश में है।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी ज़िले में भी लोग पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दामों से हताश हैं और अब ज़रुरत का सामान लाने के लिए बाइक-स्कूटर का इस्तेमाल करने से घबरा रहे हैं। वाराणसी में 24 मई 2021 दिन सोमवार को पेट्रोल की कीमत 0.31 रूपए बढ़कर 91.16 रूपए प्रति लीटर पहुँच गयी है, वहीँ डीज़ल भी 0.41 रूपए बढ़कर 84.87 प्रति लीटर के रेट से बिक रहा है।
एक तो रोज़गार नहीं, ऐसे में महंगाई से कैसे निपटें?
शहर के अशोक जैसवाल का कहना है कि लोगों के पास कोई काम-धंधा नहीं बचा है, वो जैसे-तैसे घर खर्च निकाल रहे हैं ऐसे में अगर महंगाई भी ऐसे ही बढ़ती रही तो उनके लिए मुसीबतें और खड़ी हो जाएंगी। अशोक ने बताया कि मार्च के महीने में जब कोरोना की दूसरी लहर नहीं आयी थी तब भी पेट्रोल-डीज़ल के दाम इसी तरह बढ़ रहे थे लेकिन तब कई लोगों के पास रोज़गार था, नौकरी थी इसलिए इतनी परेशानी नहीं हुई थी। लेकिन इस समय सरकार को गरीब परिवारों के बारे में सोचना चाहिए और पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दामों को बढ़ने से रोकना चाहिए।
उनका कहना है कि सरकार ने सिर्फ बड़े-बड़े वादे किए और आम जनता को अपनी ओर आकर्षित किया लेकिन जब विकास की बात आयी तब सरकार ने कुछ भी नहीं किया। उन्होंने बताया कि कई क्षेत्रों के समाज सेवक और नेता भी अब केंद्र सरकार के आगे लाचार हो चुके हैं और वो लोग भी कोई कदम नहीं उठा पा रहे।
पेट्रोल-डीज़ल के साथ राशन भी हुआ महंगा-
बता दें कि लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीज़ल के रेट से सबसे ज़्यादा मध्यम वर्ग के लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। पेट्रोल-डीज़ल के साथ-साथ फल-सब्ज़ी, राशन जैसे सामानों के दाम भी अब आसमान छू रहे हैं। दाल-चावल जैसी ज़रूरी चीज़ें अब गरीब परिवार खरीद पाने में असक्षम हैं। एक महीने पहले तक जो दालें 70 रूपए प्रति किलो मिल रही थीं वो अब 120 रूपए प्रति किलो मिल रही हैं। इसके साथ ही सरसों का तेल भी 200 रूपए प्रति किलो के भाव से बिक रहा है।
लोगों का कहना है कि सरकार कोरोना की वैक्सीन लगवाने के लिए ज़ोर दे रही है और कई जगहों पर तो जिन गरीब लोगों को मुफ्त वैक्सीन की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है वो लोगों से उधार लेकर वैक्सीन लगवा रहे हैं, ऐसे में सरकार को सोचना चाहिए की वो भी गरीबों के हित के लिए कुछ फैसला ले और महंगाई बढ़ाना बंद करे।
व्यापारी भी हो गए हैं अब महंगाई से परेशान-
राजाराम पाठक का कहना है कि पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमतों ने व्यापारियों और आम लोगों की चिंताएं और बढ़ा दी हैं। 6 मई से अबतक पेट्रोल के दामों में 1.31 रुपये की और डीज़ल में 1.91 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है। जिसके कारण ट्रांसपोर्ट व्यापारियों को एक महीने से नुक्सान झेलना पड़ रहा है।
यूवा जनता दल के सदस्यों का कहना है कि चुनाव के समय तो विधायक और प्रधान सभी बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे लेकिन चुनाव ख़तम होते ही सब गायब हो गए हैं और लोगों को महंगाई और अन्य कई समस्याओं के साथ घुट-घुट कर जीना पड़ रहा है। उनका कहना है कि सरकार को जल्द से जल्द महंगाई को रोकने के लिए कुछ कदम उठाना चाहिए नहीं तो लोग कोरोना के साथ-साथ भुखमरी और महंगाई का शिकार हो जाएंगे।
देश भर में लगातार बढ़ रहे इन पेट्रोल-डीज़ल के दामों के चलते कई लोगों ने प्रदर्शन भी किया है लेकिन सरकार ने फिर भी सबकुछ अनदेखा कर महंगाई बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ऐसे में जो गरीब परिवार पहले रोज़गार के लिए भटक रहे थे अब उनपर महंगाई की मार भी पड़ रही है। कई ग्रामीण फल-सब्ज़ी विक्रेता मोटर साइकिल से चीज़ें बेचने शहर आया करते थे लेकिन वो भी अब पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दामों के कारण गाँव में रहकर ही बिक्री करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बढ़ती महंगाई पर जल्द से जल्द रोक लगनी चाहिए ताकि गरीब परिवारों के साथ-साथ आम जनता भी थोड़ी राहत की सांस ले सके।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए सुशीला द्वारा रिपोर्ट किया गया है।
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