परवेज मुशर्रफ का दिल्ली से बेहद पुराना नाता रहा है। मुशर्रफ का जन्म 1943 में नहर वाली हवेली में हुआ था।
परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf Dies) जोकि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति रह चुके हैं उनका 79 साल की उम्र में निधन हो गया। जानकारी के अनुसार, मुशर्रफ की मौत दुबई के एक अस्पताल में अमीलाईडोसिस नाम की एक बीमारी से हुई है।
अमीलाईडोसिस (Amyloidosis) एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर के अंगों और ऊतकों (tissues) में एमाइलॉयड नामक असामान्य प्रोटीन बनने लगता है, जिससे उनका कामकाज प्रभावित होता है।
Geo News की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार आज 6 फरवरी को एक विशेष विमान से मुशर्रफ के शव को दुबई से पाकिस्तान लाया जाएगा।
परवेज की मौत पर थरूर ने जताया दुःख
परवेज मुशर्रफ की मौत पर जहां एक तरफ पाकिस्तान से कई लोगों ने दुःख व्यक्त किया तो भारत में भी कई लोगों द्वारा उन्हें लेकर सांत्वना दिखाई गयी। लोकसभा के सदस्य शशि थरूर ने ट्वीट करते हुए लिखा, “परवेज मुशर्रफ, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति, दुर्लभ बीमारी से उनकी मौत हो गयी”: एक बार भारत के एक कट्टर दुश्मन थे फिर वह 2002-2007 में शांति के लिए एक वास्तविक ताकत बनकर सामने आये।”
“Pervez Musharraf, Former Pakistani President, Dies of Rare Disease”: once an implacable foe of India, he became a real force for peace 2002-2007. I met him annually in those days at the @un &found him smart, engaging & clear in his strategic thinking. RIP https://t.co/1Pvqp8cvjE
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 5, 2023
कारगिल युद्ध से परवेज मुशर्रफ का संबंध
बता दें, साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान परवेज़ मुशर्रफ पाकिस्तान आर्मी के चीफ थे। यह माना जाता है कि कारगिल ऑपरेशन मुशर्रफ के ही दिमाग की उपज थी। द क्विंट हिंदी की रिपोर्ट में बताया गया कि इसका खाका सियाचिन पर भारतीय कब्जे (मेघदूत) के समय से ही उनके दिमाग में था।
कारगिल युद्ध के बाद मुशर्रफ ने नवाज शरीफ का तख्ता पलट कर रख दिया और पूरे देश में मार्शल लॉ लगा दिया। अपने तानाशाही व्यवहार के साथ मुशर्रफ ने सत्ता में कदम रखा और फिर बाद में खुद को राष्ट्रपति भी घोषित करवा दिया।
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मार्शल लॉ क्या है?
मार्शल लॉ, किसी भी देश में सरकार द्वारा घोषित एक ऐसी न्याय व्यवस्था है जिसमें सैन्य बलों को एक क्षेत्र, शासन और नियंत्रण करने का अधिकार दिया जाता है।
मुशर्रफ का दिल्ली से पुराना संबंध
जानकारी यह है कि परवेज मुशर्रफ का दिल्ली से बेहद पुराना नाता रहा है। मुशर्रफ का जन्म 1943 में नहर वाली हवेली में हुआ था। यह हवेली पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में गोल मार्केट में प्रताप गली में स्थित है। मुगल वास्तुकला शैली में बना चार मंजिला परिसर 700 वर्ग गज में फैला हुआ था। हवेली अब एक आवासीय परिसर में बदल गया है जिसमें दुकानें, घर और कमर्शियल परिसर शामिल हैं।
पाकिस्तान जाने से पहले मुशर्रफ ने अपने जीवन के शुरुआती चार साल यहीं बिताए थे। वर्तमान में इस हवेली में 15 से ज़्यादा परिवार रह रहे हैं, जिनमें मुशर्रफ के कुछ रिश्तेदार भी शामिल हैं, जिन्होंने विभाजन के वक्त भारत में ही रहना पसंद किया था। हवेली का एक हिस्सा दरियागंज के प्रसिद्ध गोलचा सिनेमा का हिस्सा है।
परवेज मुशर्रफ के पिता का तबादला जब पाकिस्तान से तुर्की हुआ तो उसकी वजह से वह 1949 में तुर्की चले गए। कुछ समय परवेज अपने परिवार के साथ तुर्की में ही रहे व वहीं उन्होंने तुर्की भाषा बोलनी भी सीखी। इसके बाद 1957 में उनका पूरा परिवार पाकिस्तान लौट आया।
मुशर्रफ का जन्म व शिक्षा
मुशर्रफ का जन्म अविभाजित भारत (जब भारत का बंटवारा नहीं हुआ था) में दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में हुआ था। उन्हें अपना जन्म प्रमाण पत्र छह दशक बाद 2005 में भारत यात्रा के दौरान मिला था।
स्कूली शिक्षा की बात करें तो कराची के सेंट पैट्रिक स्कूल में उन्होंने पढ़ाई की व कॉलेज की पढ़ाई लहौर के फॉरमैन क्रिशचन कॉलेज में पूरी की।
( द क्विंट हिंदी के इनपुट के साथ)
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