जिला ललितपुर,ब्लाक बिरधा, गांव पिपरिया| यहाँ के का आरोप है की उनके मोहल्ले का हैण्डपंप दो साल से खराब है| गांव की तरफ से गुजरने वाले लोगों की प्यास तक नही बुझ पाती .जिसकी शिकायत भी बनवाने के लिए प्रधान से की लेकिन कोई सुनवाई नहीं है|
गांव के सत्येंद्र सिंह, राकेश और राजेश कुमार का कहना है कि हैण्डपंप खराब होने से उन लोगों को बहुत ही दिक्कतें आ रही हैं|
यह रास्ता खितवास से बिरधा के लिए गया है| यहाँ से 1 दिन में हजार लोग निकलते हैं| आने जाने वाले लोगों को पानी मिल जाता था| लेकिन अब बहुत ही दिक्कत हो रही है|
लोगों का ज्यादातर खेती किसानी का काम है इसी रास्ते से लोग हर खेत जाते हैं अगर बीच में पानी खत्म हो जाता था तो इधर से ही भर लेते थे| लेकिन अब लोगों को भटकना पडता हैं| क्योंकि बिन पानी बसर ही नही होता खाना भले ही न मिले| ग्राम प्रधान है तो ललितपुर में रहते हैं गांव कभी-कभार आते हैं| उनको गांव के विकास कार्य से कोई मतलब नहीं है| गांव में ऐसे चार पांच हैण्डपंप हैं जो खराब है और हम लोगों को बहुत ही दिक्कतें आ रही हैं जब हैण्डप़प में पानी आता था तो काफी लोगों को सुविधा थी| अभी तो फिर भी किसी तरह लोग चलाते है इधर-उधर से पानी लेकर काम चला लेते है लेकिन गर्मियों में एक-एक बुंद पानी को तरशना पडता है| हर 10 मिनट में प्यास लगती है| रास्ते के हैण्डप़प का बनना तो बहुत ही जरुरी है| क्योंकि वहां पर बस स्टैंड भी है तो आने जाने वाली टैक्सी भी रूकती है| गर्मियों में पानी के लिए लोग हैण्डपंप को देख कर भटकते रहते हैं| इस लिए वह लोग चाहते हैं कि यह हैण्डपंप सुधर जाए| जिससे लोगों को सुविधा मिले|
प्रधान हरी राम निरंजन का कहना है कि हैण्डपंप ज्यादा दिन से नहीं खराब है अभी खराब हुआ है इसके बारे में और उसकी जानकारी मिल है तो उसने हैण्डपंप बनवाने के लिए प्रस्ताव भी डाला है ललितपुर में वह बहुत ही पुराना हैण्डपंप है सरकार से यह मांग की है कि इसको हटा कर दूसरा है हैण्डडपंप लगाया जाए जिससे वह कुछ दिनों तक चल सके काफी पुराना है इसलिए बार-बार खराब हो जाता है| इसके पहले कई बार खराब हुआ है और सुधराया गया है पर नहीं चल पता|