खबर लहरिया ताजा खबरें पहलू ख़ान के केस में एनडीटीवी के गवाह के तौर पर दिए स्टिंग वीडियो को ख़ारिज़ क्यों किया गया?

पहलू ख़ान के केस में एनडीटीवी के गवाह के तौर पर दिए स्टिंग वीडियो को ख़ारिज़ क्यों किया गया?

 दो वर्ष से पहले कैमरे में रिकॉर्ड, मोब लिंचिंग की घटना में डेरी किसान पहलू ख़ान की मौत हो गई थी, राजस्थान के एक न्यायालय ने वीडियो में घटना को अंजाम देते दिख रहे छ: लोगों को बरी कर दिया ये लोग अभियोजन पक्ष की ओर से प्रमुख अभियुक्त थे।  मोबाइल फोन से बनाए वीडियो को देख कर पुलिस ने जिन लोगों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार किया उसे न्यायाधीश ने सबूत के तौर पर स्वीकार नहीं करते हुए ‘बेनिफिट ऑफ डाउट’ दे दिया। एनडीटीवी के स्टिंग वीडियो में एक अभियुक्त के दिए बयान को भी अस्वीकृत कर दिया गया।

अलवर की निचली अदालत ने कहा कि सेल फोन से बनी वीडियो इतनी स्पष्ट नहीं थी जिससे अभियुक्त की सही पहचान हो सके, अभियुक्त के वकील हुकुम चंद शर्मा ने कहा। जिसने यह बर्बरतापूर्ण वीडियो बनाया वह भी गवाही देने के लिए न्यायालय नहीं पहुंचा। एक अन्य वीडियो जिस व्यक्ति ने बनाई थी, वह विरोध पर उतर आया।

अभियुक्त के वकील ने बताया कि अभियोग पक्ष द्वारा वीडियो को फॉरेंसिक लैब में नहीं भेजा गया, न्यूज एजेंसी प्रैस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने बताया।

पिछले महीने अभियुक्तों में से एक विपिन यादव जो आजाद घूम रहा था, उसे एनडीटीवी के स्टिंग ऑपरेशन में यह बताते हुए देखा गया था कि उन सबने पहलु ख़ान को किस तरह मारा। उसने बताया था कि उन्होंने डेढ़ घंटे तक पहलु ख़ान की पिटाई की।

हाई कोर्ट ने विपिन यादव को स्टिंग वीडियो के आधार पर बेल ना देने के राज्य पुलिस के आग्रह को मानने से मना कर दिया।

अप्रैल 2017 में पहलु ख़ान, जयपुर के एक मेले से बछड़ा ख़रीद कर अपने बेटों के साथ हरियाणा में अपने गांव जा रहा था। उनके ट्रक को दिल्ली-जयपुर हाई-वे पर गौ-रक्षक दल ने रोक लिया। उन्होंने 55 वर्षीय पहलु ख़ान को ट्रक से बाहर घसीटा और उसकी पिटाई की। बाद में एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई। घटना के वीडियो में दिख रहा है कि एक आदमी पहलु ख़ान को गर्दन से पकड़ कर झटक कर खींचते हुए लाता है और उसे धक्का दे कर ज़मीन पर गिरा देता है इसके बाद लगातार लातों से उसकी पिटाई करता है।

इस हत्या के केस में नौ लोगों को अभियुक्त बनाया गया। उनमें से तीन नाबालिग थे और छः अभियुक्तों को बुधवार को ‘बेनिफिट ऑफ डाउट’ के चलते छोड़ दिया गया।

कोर्ट का निर्णय यूएस स्टेट डिपार्टमेंट में प्रकाशित ‘नई दिल्ली ने धार्मिक आजादी को अस्वीकार किया’ लेख छपने के दो महीने बाद आया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजेपी सरकार में अल्पसंख्यकों के विरुद्ध धार्मिक हिंसा बढ़ी है।

Translated from : https://www.ndtv.com/india-news/why-eye-witness-video-ndtv-sting-were-dismissed-in-pehlu-khan-case-2085325