खबर लहरिया National बेशर्म रंग की आड़ में महिलाओं पर ट्रोल, द कविता शो

बेशर्म रंग की आड़ में महिलाओं पर ट्रोल, द कविता शो

इस बार के एपिशोड में चर्चा करते हैं पठान फ़िल्म पर छिड़े विवाद पर। अयोध्या जिला के संत परमहंस आचार्य ने कहा है कि शाहरुख खान मिला तो उसको ज़िंदा जला दूंगा। ये बयान बड़ी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके अलावा फेसबुक, ट्विटर पर जो बवाल मचा हुआ है वो किसी से छुपा नहीं है। मेरे जान पहचान के कई लोग भी भद्दी टिप्पड़ी करने से पीछे नहीं हैं।

पठान फ़िल्म के हीरो हैं शाहरुख खान और हिरोईन है दीपिका पादुकोण हैं। इस फिल्म का पहला गाना रिलीज हुआ है जिसके बोल हैं ‘बेशर्म रंग।’ इस गाने में हिरोईन दीपिका पादुकोण बिकनी पहनकर डांस करती हैं जिसमें इज्जत बस ढकी रहती है बाकी के सारे अंग खुले के खुले रहते हैं। ख़ैर बात करते है विवाद पर। एक कलर जिसका नाम है ‘भगवा रंग’, अब इसको लेकर विवादों में घिर गई है पठान। फिल्म पर सनातन धर्म का अपमान करने का आरोप लगाया जा रहा है। इस गाने में शाहरुख़ खान जम कर ट्रोल हो रहें हैं।

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तो कहीं गाने की वजह से महिलाओं को जमकर ट्रोल किया जा रहा है। कहीं बिकनी पहना कर पीएम मोदी की फोटो पोस्ट कर रहें, कहीं राहुल तो कहीं केजरीवाल और योगी को भी नहीं छोड़ रहे हैं। आप जानते ही हैं, अब मर्दों की टिप्पड़ी में अगर कोई महिला कमेन्ट कर दे या कोई सवाल खड़ा कर दे तो उल्टा महिलाओं का शोषण ही शुरू कर दिया जाता है। इस फ़िल्म का जो समर्थन कर रहे हैं उनको कहा जा रहा है कि अपनी बेटी, बहू,बीवी -, मां-बहन को बिकनी पहना कर सोशल मीडिया में फ़ोटो डालो। राजनीति में ऐक्टिव महिलाओं को इस तरह की बातें कहकर उनका हनन किया जा रहा है। मैं तो ये भी कहूंगी की महिलाओं के साथ सीधे तौर पर छेड़खानी कर रहें अपमान कर रहे हैं। मैं तो न बिकनी के पक्ष में हूँ न ही विपक्ष में। आप फिल्म देखें या न देखें आपकी मर्जी। किसी भी चीज़ का बॉयकॉट करना भी आपका अधिकार है। भोजन व पहनावे के लिए सब आजाद हैं लेकिन जब महिलाओं के ऊपर बात आती है तो आप लोगों को जवाब देना तो बनता ही है।

कैसी दुनिया होती जा रही है समझ में नहीं आ रहा है। जब आप लोग एक-दूसरे के इशारे में जीते हैं, खुद का विवेक नहीं लगाते हैं, खुद की सोच इतनी घटिया है तो आप किसी का सम्मान नहीं कर सकते हैं। अरे ऐसे कपड़े पहनने की रीति तो सदियों से चली आ रही है। महिलाएं पहने तो उसका विरोध हो जाता और जब मर्द लंगोटी पहनता तब मर्दागनी लगती है। सरकार क्यों इस पर रोक नहीं लगा रही है। ऐसी चर्चा करने वालों पर क्या प्रशासन कार्यवाही नहीं करेगी? सोशल क्राईम ब्यूरो की टीम कहां गायब है? सोशल मीडिया ऐसे कमेंटो पर रोक क्यों नहीं लगा रही है?

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बुन्देलखंड में जब दंगल होते हैं तब का सीन देखो। मैनें कई दंगल की कवरेज की है और देखा की आदमी लंगोटी ही पहनता है और कई लंगोटी तो भगवा कलर की भी होती है तब आपका सनातन धर्म का अपमान नहीं होता? तब आप सीना चौड़ा कर लेते हो। अरे! धिक्कार है ऐसी सोच को।

आप लोगों को बॉयकॉट करना है तो अश्लील गाने का क्यों नहीं करते हो? बेरोजगारी, भुखमरी ,महंगाई, बीमारी ,बलात्कार ऐसे मुद्दों में जब बात करना होता है तब आप लोग कौन से बिल में घुस जाते हैं? ऐसे मुद्दों पर कमेन्ट करने में डर लगता है आप लोगों को। हां या न कमेन्ट बाक्स में जाकर कमेन्ट करिये और बताईये। अगले एडिटर देगी जवाब वाले शो में आपके कमेंटो में हम चर्चा करेगें। शो अच्छा लगा हो तो दोस्तों के साथ में शेयर करें। अगले शो में फिर मिलूंगी किसी नये मुद्दों के साथ, तब तक के लिए बाय बाय!!

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