सावन का महीना चल रहा है और ऐसे में सबसे पहला ख्याल जो दिमाग में आता है वो है मेहंदी। सावन में मेहंदी लगाना एक परंपरा की तरह है। वहीं सावन भी मेहंदी के बिना अधूरा सा लगता है। वहीं अगर हाथों में ताज़ी मेहंदी के पत्तियों से मेहंदी लगे तो उसका निखार ही कुछ अलग आता है। पर आज कीप/ कोन वाली मेहंदी यानि रेडिमेड मेहंदी आने से मेहंदी की पत्तियों का इस्तेमाल कम हो गया है।
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लेकिन फिर भी कुछ लोग ऐसे हैं जो आज भी मेहंदी की पत्तियों का इस्तेमाल करते हैं।सावन में मेहंदी किसे नहीं पसंद? वहीं अगर हाथों पर ताज़ी मेहंदी के पत्तों से डिज़ाहन सजे तो मज़ा ही आ जाये, क्यों? सावन के समय पन्ना जिले के ब्लॉक अजयगढ़ में रहने वाली महिलाएं अपने हाथों को मेहंदी के रंगों से सजा रहीं हैं।
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पुष्पा नाम की महिला कहती हैं, पत्ते वाली मेहंदी लगाने से न तो इंफेक्शन होता है और न ही इसे खरीदने के लिए पैसे लगते हैं। लोगों के घरों और खेतों में मेहंदी के पेड़ लगे रहते हैं। लोग उसे तोड़कर, पत्थर से पीसकर हाथों में लगाते हैं।आज तकनीकी युग में लोग मिक्सर ग्राइंडर में ही मेहंदी के पत्ते पीस लेते हैं। मेहंदी का इस्तेमाल लोग बालों में लगाने के लिए भी करते हैं। मेहंदी को बालों में लगाने से बालों में चमक तो आती ही है। इसके साथ ही सिर भी हलका रहता है।
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