यूपी के बुंदेलखंड के हमीरपुर जिला के गाँव कैथी में दीपावली के अगले दिन माड़े बनाने का एक पुराना रिवाज़ है। माड़े को गेंहूं के आटे से बनाया जाता है। इनका आकार साधारण रोटी के आकार से काफी बड़ा होता है। साथ ही यह इतने पतले होते हैं कि आप इसे रुमाल की तरह मोड़ भी सकते हैं। आमतौर पर महिलाएं इसे मटके के ऊपर बनाती हैं।
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बनाने के बाद माड़े को घी और चने की दाल के साथ खाया जाता है। एक एक जने के घर में 5 और 6 किलो के बनाए गए हैं हमेशा माड़े नहीं बना सकते हैं, यह हमारे पर्व में ही बनते हैं, जैसे कि दीपावली के परवा के दिन ही बनाए जाते हैं गांव में रिवाज ही है जहां की पहले हम लोग अपने गेहूं का रात भर पानी में भीगाते हैं, उसके बाद हल्की धूप में सुखा देते है l फिर गेहूं को पिसा लेते हैं, चक्की में उसके बाद आटा को छानते हैं 2 घंटा तक आटा को मिलाते रहते है लोई बना कर पतली – पतली रोटी के तरह बनाये जाते है |
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