खबर लहरिया चित्रकूट अस्पतालों में चीरा लगाकर की जा रही गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी

अस्पतालों में चीरा लगाकर की जा रही गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी

जिला महोबा और ललितपुर के अलग-अलग गांव के लोगों ने बताया कि पहले तो नॉर्मल डिलीवरी हो जाती थी लेकिन अब अस्पताल में लगभग 75 % महिलाओं को चीरा लगा कर ही डिलीवरी कराई जाती है। बेलाताल की रहने वाली माधुरी ने बताया कि मेरी पहली डिलीवरी हुई है जिसमें चीरा लगाया गया है। मुझे इससे काफी दिक्कत हुई। एक महीने तक अच्छे से खाना नहीं खा पाई और ना ही बैठकर टॉयलेट कर पाई। मुझे तो दोबारा हॉस्पिटल में एडमिट भी होना पड़ा। सिर्फ मुझे ही नहीं मेरे साथ जितनी भी महिलाएं थी सबका बच्चा चीरा लगा कर ही हुआ।

ये भी देखें – दहेज के लालच में ससुराल वाले गर्भवती महिला के साथ कर रहे हिंसा, आरोप

सिलावन गांव के रहने वाले अजय नामदेव ने बताया कि मेरी औरत की दूसरी डिलीवरी है। उसे भी चीरा लगाया गया है। यहाँ के लोगों का व्यवहार बिलकुल कसाई के जैसा हो गया है।

आशा कार्यकर्ती ने बताया कि नर्स को बहुत जल्दबाज़ी रहती है। उन्हें मेहनत नहीं करनी होती इसीलिए जब गर्भवती एडमिट होती है तो उसे तुरंत चीरा लगा देती है। वहीं एएनएम का कहना था कि हम ज़रूरत के हिसाब से चीरा लगाते हैं।

ये भी देखें – ‘घर छोड़ दूं या आत्महत्या कर लूं’- छात्रा, पारिवारिक तनाव वजह

 

यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’

If you want to support  our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our premium product KL Hatke