बाँदा और छतरपुर जिले में लोग सड़क की समस्या से जुट रहे हैं। चुनावी वादों और विभागों में अप्लिकेशन देने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
बांदा जिला के ब्लॉक तिदवारी के पिपरगवाँ गांव के प्रजापति मोहल्ले के लोग दसों साल से मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। इस गाँव की सबसे बड़ी समस्या कच्ची सड़क की है जो वर्तमान में दलदल का रूप ले चुकी है। लोगों का आरोप है कि कई बार प्रधानों से हम मांग किया या जो भी गांव में नेता मंत्री चुनाव के दौरान आये उनसे भी कहा है पर लोग वादा करके चले जाते हैं काम कुछ नहीं होता।यही हाल छतरपुर जिले के ग्राम पलोटा का है जहाँ लोग सड़क की समस्या से जूझ रहे हैं।
घुटनों तक भरा कीचड़, धंसकर निकल रहे लोग
मुन्नी देवी ने बताया कि इस मोहल्ले के लोग किस तरह से दलदल में गुजारा कर रहे हैं इसलिए उन्हें ही इसका दर्द पता है। वोट लेते समय तो लोग हाथ जोड़ते हैं और वादा भी करते हैं कि जीतने के बाद आपके मोहल्ले और आपके गांव का विकास जरूर कराएंगे और जब जीत जाते हैं तब कभी नहीं नेता मंत्री गांव में दोबारा से नजर नहीं आते हैं। यह नहीं सोचते कि हम किसी से वादा करके आए हैं और उनके गांव मोहल्ले का हमको विकास कराना चाहिए।
मीरा देवी का कहना है कि इस मोहल्ले से हजारों लोग निकलते हैं क्योंकि यही में रास्ता है। कितने प्रधान बने प्रधानी बीत गई पर इस मोहल्ला का विकास आज तक नहीं कराया गया है। अब यही मांग है कि पहले मोहल्ले का विकास करें फिर बाद में वोट देंगे। वरना यहाँ के लोगों की जिन्दगी वादों में ही गुजर जायेगी।
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इस गाँव में चुनावी वादे भी फेल हुए
भगवान दास और रामकिशोर का कहना है कि 12 महीना इस मोहल्ले में दलदल मचा रहता है। सिर्फ बारिश भर की बात हो तो लोग किसी तरह गुजारा भी कर लें लेकिन यह बहुत बड़ी समस्या है। जैसे इंसान हर दिन एक चीज खा के बोर हो जाता है वैसे ही यहाँ के ग्रामीण इस सड़क ही हर दिन की समस्या से बोर हो चुके हैं। इस बार भी प्रधान सड़क और नाली के नाम पर वोट मांगकर चुनाव जीते हैं लेकिन अभी तक कुछ नहीं किया। लोग इसी दलदल से निकलने के लिए मजबूर हैं। बाकी समस्याओं पर भी शून्य काम हुआ है।
आशा देवी ग्राम पंचायत पिपरगवाँ प्रधान का कहना है कि अभी तक बजट नहीं आया है जब बजट आएगा तभी काम शुरू करवा पाएंगी। उन्हें समस्याएँ दिख रही हैं पर वह इतनी सक्षम नहीं हैं कि अपने पैसे से काम करा पायें। उन्होंने एस्टीमेट बना कर जमा कर दिया है बजट आने के बाद ही काम कराएँगे।
सीएम हेल्पलाइन भी नहीं बनीं सहारा
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम पलोटा गांव में पक्की सड़क नहीं है जिससे लोग काफी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। यह समस्या लगभग 30 सालो से बनी हुई है। तमाम वादों और विभाग में अप्लिकेशन देने के बाद भी कोई हाल नहीं निकल पाया है। यहाँ के ग्रामीण सीएम हेल्पलाइन को भी काफी बार फोन लगा चुके हैं लेकिन अभी तक कोई भी निराकरण नहीं हुआ।
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देवीदीन अहिरवार ने बताया कि वह पानी भरने नहीं जा पाते हैं क्योंकि रास्ता बहुत ख़राब है। ठोकर लगने से बाल्टी लेकर गिर जाते हैं। कूरा बाई का कहना है कि उनकी बहू सुनीता को प्रशव पीड़ा हुई समय से एम्बुलेंश नहीं आ पाई जिसकी वजह से उन्हें रास्ते में ही बच्चा हो गया। वहीँ सोनम नायक जो आंगनबाड़ी
कार्यकर्ता हैं उनका कहना है कि उनके बच्चे स्कूल नहीं आ पाते हैं। ऐसे ही लोगों ने तरह-तरह की समस्याएँ बताई। रात में अगर निकलते हैं तो इस तरह की रोड है कि ठोकर खाकर गिर जाते हैं। शादी विवाह होते हैं तो भी बहुत दिक्कत होती है। सड़क न होने की वजह से बच्चों की शादी भी घर से नहीं कर पाते। बाहर मैरिज हाल बुक करने होते हैं जिसमें न चाहते हुए भी अलग से बजट खर्च करना पड़ता है।
बजट आने पर शुरू होगा काम
जब यहाँ के सरपंच अशोक मिश्रा से बात हुई तो उनका कहना था कि उन्होंने सड़क के लिए काफी बार आवेदन दिया है लेकिन अभी यहां की सड़क का बजट पास नहीं हुआ है। वह लगातार कोशिश कर रहे हैं कि अपने गाँव की समस्या का समाधान कर पायें।
अमित कुशवाहा सीओ जनपद पंचायत छतरपुर ने बताया कि उस गाँव में सीसी रोड का निर्माण होना है लेकिन अभी बजट नहीं आया है। वह इस प्रक्रिया में लगे की जल्दी ही बजट पास हो जाए और वह सड़क बन सके।
इस खबर की रिपोर्टिंग शिव देवी और अलीमा द्वारा की गयी है।
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