बिजली का उपयोग आज हर घर में किया जा रहा है और दिन प्रतिदिन यह उपयोग बढ़ता ही जा रहा है और इसी के साथ बिजली की कीमत भी बेतहाशा बढ़ रही है। बढ़ते बिजली बिल को देखते हुए अब यूपी के शहरो में लोग सौर्य ऊर्जा का इस्तेमाल कर रहे हैं, इससे बिजली के भारी-भरकम बिल की टेंशन भी खत्म हो सकती है। सरकार भी बिजली बचाने पर काफी जोर दे रही है। योगी आदित्यनाथ सरकार यूपी को सोलर एनर्जी का बड़ा हब बनाने जा रही है। 2017 की उ० प्र० सोलर पॉलिसी के तहत यूपी की सरकार ने 1535 मेगावाट के 7500 करोड़ रूपये को स्वीकार कर लिया है। इसको साल 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
सौर्य ऊर्जा से चल रहा है यह सिलाई सेंटर
मोहर अली जो अयोध्या के निवासी हैं उन्होंने लगभग 2 साल से सोलर पैनल लगवाया है। एक किलो वाट के सोलर पैनल से 3 पंखा चलाते हैं और उनके घर में कपड़ा सिलाई का काम होता है। इसी से वह अपने ग्राहको का कपड़ा भी प्रेस करते हैं। सोलर पैनल लगवाने से इन्हें काफी फायदा हुआ है और आज मोहर अली 30-40 यूनिट बिजली की बचत कर रहे हैं। मोहर अली का कहना है की , ‘अगर अच्छी धूप है तो बैटरी फुल चार्ज हो जाती है और रात-दिन दोनों के लिए पर्याप्त बिजली हो जाती है।’
सौर्य ऊर्जा से मोबाईल चार्जिंग भी…
युवाओं में बेहतरीन महंगे एन्ड्रॉइड फोन की चाहत बढ़ती जा रही है या यूँ कह सकते हैं कि हर युवा हाथों में एन्ड्रॉइड फोन है, लेकिन बैटरी बैकअप के कारण यूजर्स पूरा दिन व्हाट्सएप समेत अन्य सोशल साइट से वंचित रह जाते हैं। रमेश कुमार रॉयल टेलर सिलाई सेंटर पर सिलाई का काम करते हैं उनका कहना है कि सोलर पैनल से उनको बहुत लाभ है बिजली रहे या न रहे मोबाइल चार्ज करने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती है। और मोबाइल में बढ़िया गाने की धुन पर वह कपड़े की सिलाई करते हैं।
सिलाई और प्रेस का अटूट रिश्ता बरकरार
बिजली न होने से कोई काम न रुके इसके लिए रॉयल टेलर के मालिक ने यह जुगाड़ किया है। बिजली हो न हो लेकिन ग्राहकों के कपड़े प्रेस होने चाहिए। शादी-विवाह की धूम हो या कोई और कार्यक्रम लोगों के कपड़े समय पर दे देते हैं। बिजली रहे न रहे सोलर पैनल की मदद से वह ग्राहकों के कपड़े प्रेस करते हैं।
छत पर लगी सोलर प्लेट
मोहर अली ने अपने छत पर दो साल पहले सोलर पैनल लगवाया है। इससे उन्हें काफी फायदा हो रहा है न काम रुकता है और न ही बिजली जाने की टेंशन होती है। सोलर पैनलों की उम्र 25 साल की होती है, मतलब एक बार आपने लगा लिया तो पचीस साल तक निशुल्क और प्रदूषण मुक्त बिजली जला सकते हैं। सोलर पैनल में मेटनेंस खर्च भी नहीं आता, लेकिन हर 10 साल में एक बार बैटरी बदलनी होती है। इसका खर्च करीब 20 हजार रुपए होता है। इस सोलर पैनल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है।
सौर बैटरी है इन्वर्टर की तरह
सौर बैटरी या सौर सेल घर में लगे इनवर्टर की तरह काम करता है। सोलर पैनल के प्रभाव के द्वारा सूर्य या प्रकाश के किसी अन्य स्रोत से जो ऊर्जा प्राप्त करता है उस उपकरणों के साथ सौर बैटरी इस तरह से जोड़ी जाती है और वह सूर्य की रोशनी से एक या दो घंटे में यह पूरी तरह चार्ज हो जाती है। और उससे अन्य उपकरण चलते हैं। रॉयल टेलर सेंटर में पंखा, प्रेस, बल्ब और मोबाइल चार्जिंग भी सौर ऊर्जा से होती है। बिजली की बचत भी , काम में रूकावट नहीं और पर्यावरण के लिए भी लाभदायक।
गर्मी की टेंशन से छुटकारा
अयोध्या की गर्मियों में कमरे को ठंडा रखना सबसे बड़ी चुनौती है लोगों के लिए। एसी के बिना भी कमरे को कैसे ठंडा रखा जा सकता है वह भी जब लाइट ही न हो? और अगर सिलाई जैसा महीन काम करना है तो गर्मी को दूर भगाना ही पड़ेगा। काम करने में अड़चन न आये और काम भी आराम से हो पाए इसलिए बिजली हो न हो अब कोई टेंशन नहीं। सोलर पैनल की वजह से पंखा कारीगरों का पूरा साथ देता है और काम करने में मन भी लगता है।
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यह हमार सूरिज से पुनर्प्रेशन किया गया है, यह खबर लहरिया की पहल है सूरज से समृद्ध के साथ साझेदारी में।
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