छतरपुर जिले का एक ऐसा गांव जहाँ विकास नहीं है तो शादी नहीं हो रही है. ढ़ोडन गांव जहाँ यादव और आदिवासी लोग निवास करते हैं. आदिवासी के बच्चों की शादी तो किसी तरह हो जाती है लेकिन यादव जाति के लोग कुंवारे ही रह जाते हैं. लोगों के अनुसार इस गांव में लगभग 45 से 50 युवा आज भी कुंवारे बैठे हैं.
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कोई-कोई तो बाहर शहर से पैसे देकर दुल्हन लेकर आटे हैं और अपने घर पर शादी करते हैं. लेकिन यह हर किसी के बस की बात नहीं है. जहाँ विकास नहीं है, वहां आय का कोई साधन नहीं है तो पैसे भी नहीं है और हर कोई ऐसा करता भी नहीं है. लोगों को इन्तजार है कि इस गांव का विस्थापन हो और उनके गांव का विकास हो.
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