उत्तर प्रदेश।वाराणसी जिले के नगर क्षेत्र बिसेस्सर गज अलईपुर में मंकर संक्रांति की तैयारियां छ: महीने पहले से शुरु हो जाती है| लेकिन इन तैयारियों पर ज्यादा जोर दार काम दिसंबर और जनवरी के महीने में होता है| लेकिन इन तैयारियों के अलावा पकवानों में जब लगता है पतंगबाज़ी का तड़का तब ज्यादा मज़ा आता है जिसमें पकवानो के साथ-साथ इस त्योहार का मंजा छोटे-बडे़ से सभी लोग पतंग उडा कर भी लेते हैं| खासकर छोटे बच्चे थो तो पंतग उडाने कि प्रैक्टिस तीन महीने पहले से करने लगते हैं और मंकर संक्रांति के दिन पतंगों के उडान कि धुम मचा देते हैं|
हरीराम और मोहमद विहार से नौशाद दिल्ली से मोहमद इसलाम अलईपुरा के इन लोगों का कहना है कि यह पंतग बनाने कि जो तैयारी होती है| वह छ: महीने पहले से होती है और मार्केट में तो मंकर संक्रांति को हर दुकान और हर घर में बच्चों के साथ हाथों में पतंग दिखती है| इस लिए पहले से बनाते हैं और एक दिन में हजार पंतग बन जाती हैं और इस समय मकर सक्रांति पर सब लोग इसे पसंद करते हैं, और सब बच्चे मंकर संक्रांति के दिन महिलाओं के साथ मिलकर पतंग उडा कर खुसी के साथ त्योहार में मनोरंजन करते हैं, और पतंग को काटते उड़ते है| यह परमंपरा बहुत पहले से चची आ रही है| लेकिन जैसे-जैसे जनसख्या बढती है वाईसे ज्यादा बिकती है| लेकिन इस साल बहुत अलग तरह कि पतंग आई हैं| किसी में हीरो कि फोटो है तो किसी पतंग में मोदी कि फोटो छपी है| इस लिए बच्चे ज्यादा पसंद कर रहे हैं और बिक भी रही है|
कुछ बच्चों का कहना है कि उनको त्योहार के दिन में समय का पता नहीं चला पतंगबाज़ी करने , पंतग काटने ,लूटने और उडाने में| इस लिए वह लोग मंकर संक्रांति के इस त्योहार का दो महीने पहले से इंतजार करते हैं|