गांव बाड़मेर ब्लाक महरौनी जिला ललितपुर गांव साडूमल की महिलाएं आज 21 दिसंबर, 2020 को जिला अधिकारी दिनेश कुमार को ज्ञापन देने पहुंची है। उनका कहना है कि लगभग दो महीनों से उन्हें मनरेगा के पैसे नहीं मिले हैं। लोगों ने मार्च से जून तक मनरेगा के तहत काम किया था। लोगों ने ब्लॉक स्तर पर और प्रधान से भी कई बार अपनी समस्या को सांझा की। लेकिन कहीं भी उनकी बात नहीं सुनी गयी।
बल्कि उन्हें धमकी देकर वापस भेज दिया गया। जब भी कोई प्रधान के पास समस्या को लेकर जाया करता है तो प्रधान उन्हें यह कहकर वापस भेज देता है कि उनके खाते में मनरेगा के पैसे डाल दिये गए हैं। लेकिन जब लोग बैंक में जाते और पासबुक पर इस आशा के साथ एंट्री कराते हैं कि शायद उनके खाते में पैसे आ गए होंगे। लेकिन उनके हाथों बस निराशा ही हाथ लगती है।
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यहां तक प्रधान का यह भी कहना है कि लोग उसकी शिकायत कहीं भी कर सकते हैं और कोई उसका कुछ नहीं कर सकता। महिलाओं का कहना है कि वह सोलह सौ रुपये की टैक्सी बुक करके जिलाधिकारी से मिलने आयी हैं। ताकि उनकी समस्या का समाधान हो। लेकिन हर बार वह आते है, अपना किराया लगाते हैं और कुछ नहीं होता। लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही समस्या का निपटारा नहीं हुआ तो वह धरना प्रदर्शन भी करेंगे।
लेकिन सवाल यह है कि आखिर अभी तक लोगों को मनरेगा के पैसे क्यों नहीं दिए गए? जब लोगों द्वारा हर बार जिला अधिकारी के पास समस्या को लेकर जाया जा रहा है, तो उसकी सुनवाई क्यों नहीं की जा रही? लोग हर बार हज़ारों रुपये किराये में लगाकर जिला अधिकारी के पास एक आशा लेकर जाते हैं और खाली हाथ चले आते हैं। एक तरफ संबंधित अधिकारियों द्वारा लोगों को वैसे भी पैसे नहीं दिए जा रहे। वहीं दूसरे तरफ उनके बचे हुए पैसे भी आने-जाने में लग जा रहे हैं। क्या अधिकारी लोगों के इन खर्चों की भरपाई करेगी जो उन्हें मनरेगा के पैसे ना मिलने की वजह से खर्च करने पड़े हैं?
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