डब्ल्यूएचओ की ओर से चार खांसी और ठण्ड सिरप को असुरक्षित घोषित करने के बाद हरियाणा की कंपनी मेडेन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड ने इसे लेकर यूपी में भी अलर्ट ज़ारी कर दिया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा बुधवार, 5 अक्टूबर को गाम्बिया में पिछले कुछ महीनों में 66 बच्चों की मौत होने के बाद भारतीय कंपनी द्वारा निर्मित चार खांसी और ठण्ड सिरप ( cold syrups) के खिलाफ चेतावनी ज़ारी कर दी गयी है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इन 66 बच्चों की मौतों में एक ही पैटर्न सामने आया था। इन सभी बच्चों की उम्र 5 साल से कम थी, जो कि कफ सिरप लेने के 3 से 5 दिन बाद बीमार हो रहे थे।
डब्ल्यूएचओ ने अपने बयान में कहा कि भारत के हरियाणा स्थित कंपनी “मेडेन फार्मास्यूटिकल्स” को उन बच्चों की मौत से “संभावित रूप से जोड़ा” गया है।
"The four medicines are cough and cold syrups produced by Maiden Pharmaceuticals Limited, in India. WHO is conducting further investigation with the company and regulatory authorities in India"-@DrTedros https://t.co/PceTWc836t
— World Health Organization (WHO) (@WHO) October 5, 2022
द क्विंट की रिपोर्ट के अनुसार, गैम्बियन सरकार द्वारा जुलाई से उन मौतों की जांच शुरू कर दी गयी थी, जो पांच साल से कम उम्र के बच्चों में किडनी की समस्या के तौर पर विकसित हो रही थी।
डब्ल्यूएचओ द्वारा चेतावनी दी गयी 4 कफ़ सिरप
- प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन बीपी (romethazine Oral Solution BP)
- कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप (Kofexnalin Baby Cough Syrup)
- मकॉफ बेबी कफ सिरप (MaKoff Baby Cough Syrup)
- मैग्रीप एन कोल्ड सिरप (MaGrip n Cold Syrup)
कफ़ सिरप को लेकर यूपी में अलर्ट ज़ारी
डब्ल्यूएचओ की ओर से चार खांसी और ठण्ड सिरप को असुरक्षित घोषित करने के बाद हरियाणा की कंपनी मेडेन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड ने इसे लेकर यूपी में भी अलर्ट ज़ारी कर दिया है।
सिरप पाए जाने पर होगी कार्यवाही
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, फ़ूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) के उप आयुक्त एके जैन ने बताया कि ये चारों सिरप सिर्फ निर्यात के लिए हैं। यूपी में इनकी बिक्री नहीं होती है। फिर भी एहतियात के तौर पर सभी ड्रग इंस्पेक्टरों को जांच के निर्देश दिए गए हैं। जहां भी ये सिरप पाई जायेगी, उन्हें जब्त कर नमूनों की जांच कराई जाएगी।
इसके साथ ही इस सिरप के मिलने पर दोहरी कार्यवाही भी की जाएगी। एक नमूने की रिपोर्ट के आधार पर और दूसरी बिना अनुमति प्रदेश में बिक्री करने के अपराध के लिए।
ये भी देखें – बाँदा : अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट न होने से अल्ट्रासाउंड के लिए मरीज़ों को हो रही परेशानी
कफ़ सिरप को परीक्षण हेतु भेजा गया – केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार, 6 अक्टूबर को बताया कि गाम्बिया में बच्चों की मौत से कथित रूप से जुड़े चार कफ सिरप को परीक्षण के लिए भेजा गया है। यह कफ़ सिरप निर्यात के लिए हैं व भारत में नहीं बेचे जातें।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कफ़ सिरप को लेकर बयान
“स्टेट ड्रग कंट्रोलर ने उक्त कंपनी को केवल इन चार दवाओं प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन बीपी (romethazine Oral Solution BP), कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप (Kofexnalin Baby Cough Syrup), मकॉफ बेबी कफ सिरप (MaKoff Baby Cough Syrup) और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप (MaGrip n Cold Syrup) के निर्यात के लिए लाइसेंस दिया था। इसके अलावा इन सभी 4 दवाओं का निर्माण सिर्फ निर्यात के लिए किया जाता है। मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड को भारत में निर्माण और बिक्री के लिए लाइसेंस नहीं दिया गया है। वास्तव में, मेडेन फार्मास्यूटिकल्स की इन चार दवाओं में से कोई भी भारत में घरेलू स्तर पर नहीं बेचा जाता है” केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया।
क्या कहते हैं हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री?
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने वीरवार, 6 अक्टूबर को कहा कि फर्म द्वारा निर्मित चार कफ सिरप के नमूनों को जांच के लिए कोलकाता में केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला भेजे गए हैं।
सिरप में सही मात्रा में नहीं डली थी चीज़ें
डब्ल्यूएचओ के अनुसार चारों सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene glycol) और एथिलीन ग्लाइकॉल (Ethylene glycol) की मात्रा सही नहीं पाई गई है। इनकी मात्रा में गड़बड़ होने से पेट दर्द, पेशाब न होने, किडनी की समस्या, मानसिक स्थिति गड़बड़ाने सहित अन्य तरह की समस्याएं होती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सीधे तौर भारतीय कम्पनी मेडेन फार्मास्यूटिकल्स पर गाम्बिया में हुई बच्चों की मौत का संबंध बताने के बाद भारत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मामले की जांच शुरू कर दी गयी है।
ये भी देखें – Lumpy Skin Disease : लंपी वायरस से 67,000 मवेशियों की गयी जान, स्वदेशी वैक्सीन ‘Lumpi-ProVacInd’ को आने में लगेंगे 3-4 महीने
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’