खबर लहरिया जिला महोबा: गौरा पत्थर से गौरवान गौरहारी के लोग क्यों धूल छान रहे ?

महोबा: गौरा पत्थर से गौरवान गौरहारी के लोग क्यों धूल छान रहे ?

गौरा पत्थर से गौरवान गौरहारी के लोग क्यों धूल छान रहे ?

महोबा जिले का गौरहारी क़स्बा जो गौरा पत्थर के लिए मशहूर है। गौरा पत्थर हस्तकला में इस्तेमाल होने वाला सफ़ेद रंग का पत्थर होता है जो ख़ासतौर पर इस क्षेत्र में पाया जाता है। गौरा पत्थर हस्तकला की कला एवं शिल्प के क्षेत्र में अपनी एक अलग ही पहचान एवं महत्व है। इतना ही नहीं इस पत्थर से और भी कई उपयोगी सामग्री बनाई जाती है।

गौरा पत्थर फैक्टरी मालिक सुरेश चंद का कहना है कि हमारे महोबा जिले में गौरा पत्थर निकलता था और बाहर से भी पाउडर बनाने की डिमांड आई थी जिस वजह से हम लोग गौरव पत्थर पीसने वाली मशीन लगवाए और 15 साल से गौरव पत्थर का पाउडर पीस रहे हैं। पहले गौरहारी गांव से पत्थर आता था। अब वहां से ना आकर दूसरी जगह से आ रहा है। पहले तो पत्थर को छोटे छोटे टुकड़े करते हैं फिर एक मशीन में डालते हैं जिससे उसे आंटें की तरह पीसा जाता है. उसके बाद इसे बाहर सप्लाई किया जाता है। कुछ ग्रामीणों ने ये भी बताया कि 2017 में चट्टान खिसकने से 5 मज़दूरों की मौत के बाद ये खदान बंद हो गया और साथ में ही कइयों का रोजगार भी।

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