जिला महोबा के ब्लॉक पनवाड़ी के गाँव काशीपुरा के मजरा माधवगंज के रहने वाले अलखराम ने जाति के नाम पर होने वाले भेदभाव से लड़ने की एक पहल की है। अलख राम की शादी 18 जून को है और वो अपनी बारात घोड़ी में बैठकर ले जाना चाहते हैं। लेकिन अनुसूचित जाति के होने के कारण गाँव के कई उच्च जाति माने जाने वाले लोगों ने इसका विरोध किया है। अलखराम का आरोप है कि गाँव के लोगों ने उन्हें धमकी दी है कि अगर वो घोड़ी में बैठकर बारात लेकर गए तो उनके साथ कुछ भी बुरा हो सकता है।
उन्होंने इस मामले की शिकायत महोबकंठ थाने में कर दी है और उनका कहना है कि पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिलाया है कि वो घोड़ी में बैठकर ही बारात निकासी करेंगे।
अलखराम की मां ने बताया कि उन्होंने अपने लड़के को समझाया कि गाँव के इतने सारे लोगों के खिलाफ वो अकेले कैसा खड़ा होगा, परन्तु अलखराम ने ठान ली है कि चाहे जो हो जाए वो घोड़ी पर ज़रूर बैठेंगे।
अलखराम के पिता का कहना है कि जब प्रशासन या कोई पुलिस अधिकारी आता है तब गाँव वाले अपनी बात से पलट जाते हैं लेकिन उनके जाते ही वो लोग वापस से उन्हें धमकियां देना शुरू कर देते हैं। अलखराम के परिवार के मन में उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई है।
अलखराम के पड़ोसियों और कुछ अन्य अनुसूचित जाति के लोगों ने यह भी बताया कि गाँव के लोग यह भी कह रहे हैं कि जो अलखराम की शादी में जाएगा उसे भी इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। ऐसे में ग्रामीणों के मन में दहशत और बढ़ गई है।
जब हमने विरोधी पक्ष के एक व्यक्ति जाहर सिंह से इस बारे में बात करी तो उनका कहना है कि उन्हें किसी भी चीज़ से आपत्ति नहीं है। गाँव के ज़्यादातर लोग बारात पैदल लेकर जाते हैं परन्तु अगर अलखराम को घोड़ी पर जाना है तो वो जा सकता है।
महोबा के महोबकंठ के थाना अध्यक्ष सुनील तिवारी ने मामले को संज्ञान में लिया है और हमें बताया है कि पुलिस बराबर गाँव जा कर देख-रेख कर रही है और वो यह ज़रूर सुनश्चित करेंगे कि 18 जून को पुलिस की निगरानी में अलख राम की शादी पूरी तैयारियों के साथ हो जाए।
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