हाल ही में जिला महोबा के ब्लॉक पनवाड़ी, तहसील कुलपहाड़ के थाना पनवाड़ी क्षेत्र के एक गाँव में एक मुस्लिम समुदाय की युवती के साथ बलात्कार का मामला सामने आया है।
उत्तर प्रदेश में बलात्कार और महिला उत्पीड़न के मामले कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। आए दिन राज्य के किसी न किसी शहर से महिलाओं के साथ शारीरिक या यौन हिंसा के मामले सामने आ जाते हैं। हाल ही में जिला महोबा के ब्लॉक पनवाड़ी, तहसील कुलपहाड़ के थाना पनवाड़ी क्षेत्र के एक गाँव में एक मुस्लिम समुदाय की युवती के साथ बलात्कार का मामला सामने आया है।
यौन हिंसा की बात महीनों तक घरवालों से छुपा कर रखी-
21 वर्षीय पीड़ित युवती के मुताबिक़ 6 महीने पहले एक दिन नेहा (बदला हुआ नाम) घर पर अकेली थी जब गाँव का रहना वाला जवाहर लोधी लड़की के घर के बाहर बनी किराने की दुकान पर कुछ सामान खरीदने आया। सामान लेने के बाद जवाहर ने नेहा से पानी माँगा और उसके पीछे-पीछे घर के अंदर घुंस आया। व्यक्ति ने उसके बाद घर के दरवाज़े अंदर से बंद कर लिए और युवती के ऊपर बन्दूक तान ली। युवती के शोर करने पर आरोपी ने उसके घरवालों को जान से मारने की धमकी दी और उसका बलात्कार किया। उसने एक पर्चे पर अपना मोबाइल नंबर लिखकर नेहा को दिया और वहां से भाग खड़ा हुआ।
जब दो-तीन महीने बाद नेहा को अंदाजा हुआ कि वो गर्भवती है तब उसने जवाहर को फ़ोन कर इसकी सूचना दी और यह भी बताया कि उसने अभी तक उस घटना के बारे में अपने घरवालों को कुछ भी नहीं बताया है। लेकिन आरोपी उससे यही कहता रहा है कि वो इस समस्या का कोई न कोई हल ढूंढ निकालेगा।
पुलिस ने घटना की रिपोर्ट दर्ज करने से कर दिया इंकार-
घटना के 6 महीने बाद जब युवती की माँ को कुछ शक हुआ तो उन्होंने इस बारे में पीड़िता से पूछा, जिसके बाद उसने पूरी घटना की जानकारी अपने घरवालों को दी। घटना की जानकारी मिलते ही युवती के घरवाले 28 मई 2021 दिन शुक्रवार को आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने पनवाड़ी थाना पहुंचे लेकिन पुलिस ने इन लोगों की एफआईआर लिखने से मना कर दिया है। पुलिस का कहना है कि इस घटना को 6 महीने हो चुके हैं, और अब इस मामले की रिपोर्ट दर्ज करने का कोई फायदा नहीं है।
घरवाले चाहते हैं कि आरोपी उनकी बेटी से शादी करे-
पीड़िता की माँ ने इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उनकी बेटी की तबियत कई दिनों से ख़राब रह रही थी और शरीर में भी बदलाव दिख रहे थे, जिसके बाद 27 मई को उन्होंने इस बारे में नेहा से पूछा। उसने रोते हुए अपनी माँ को उसके साथ हुए यौन उत्पीड़न के बारे में सारी जानकारी दी। युवती की माँ ने तुरंत आरोपी जवाहर को फ़ोन लगाया और उससे पूछा कि अगर वो उनकी बेटी से शादी नहीं करेगा तो वह अपनी बेटी का गर्भपात करवा देंगी, लेकिन आरोपी ने लड़की के साथ शादी करने से साफ़ इनकार कर दिया और यह भी कहा कि अगर उन्हें गर्भपात करवाना है तो वो करवा सकती हैं।
पीड़िता की माँ का कहना है कि वो लोग मुस्लिम समुदाय के हैं और वो लड़का लोधी है। ऐसे में समाज उनकी बेटी पर उंगलियां तो उठाएगा लेकिन इसके बावजूद वो लोग अपनी बेटी की शादी आरोपी व्यक्ति से कराने को तैयार हैं। उनका कहना है कि पहले तो वो व्यक्ति उनकी बेटी का यौन शोषण करके भाग गया और अब जब 6 महीने से उसके गर्भ में उसी व्यक्ति का बच्चा पल रहा है, तो उसे वापस लौटकर आना चाहिए और उनकी बेटी को स्वीकार करना चाहिए।
पीड़ित युवती के पिता का आरोप है की उनकी बेटी ने आरोपी की धमकियों के कारण उन लोगों से इस घटना के बारे में कुछ भी नहीं बताया। अब वो चाहते हैं कि आरोपी आकर उनकी बेटी के साथ शादी करे और उसके पेट में पल रहे बच्चे को अपनाए। उनका मानना है कि अगर उस लड़के ने उनकी बेटी को नहीं अपनाया तो भविष्य में उससे कोई शादी नहीं करना चाहेगा और समाज भी उनके परिवार पर हर तरह के लांछन लगाएगा। उनका कहना है कि अगर उनकी शिकायत नहीं दर्ज कराई गयी तो वो उच्चाधिकारियों तक पहुंचेंगे और कार्यवाही की मांग करेंगे।
जब हमने कुलपहाड़ क्षेत्रीय अधिकारी तेज बहादुर सिंह से इस मामले के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने हमें बताया कि उनके संज्ञान में अभी ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। लेकिन वो पनवाड़ी थाना प्रभारी से इस बारे में बात करेंगे और जल्द से जल्द पीड़िता को इन्साफ दिलवाने के लिए कार्यवाही शुरू करवाएंगे।
आखिर कब तक महिलाएं सहती रहेंगी उत्पीड़न?
इस पूरे मामले से यह साफ़ ज़ाहिर होता है कि आज भी हमारे समाज में महिलाओं को एक बोझ के रूप में देखा जाता है। जहाँ एक तरफ पहले वो युवती शारीरिक और यौन शोषण का शिकार हुई, वहीँ घरवालों के डर के चलते अपने साथ हुई इस घटना के बारे में वो महीनों किसी को बता भी नहीं पाई। माँ-बाप को भी जब इस घटना के बारे में पता चला तो वो अपनी बेटी को इन्साफ दिलाने के बजाय उसको उसी दरिंदे के साथ जीवन भर के लिए बाँधने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन पीड़िता क्या चाहती है, पीड़िता को आरोपी के साथ शादी के बंधन में बंधना है या नहीं, इसको लेकर न ही उसके परिवार वालों को कोई दिलचस्पी है और न ही पुलिस उसे न्याय दिलाने के लिए कोई कदम उठा रही है। सवाल तो बस यह है कि आखिर ऐसे कब तक हमारे देश की महिलाएं शारीरिक और यौन हिंसा को बर्दाश्त कर घुट-घुट कर जीती रहेंगी?
इस खबर को खबर लहरिया के लिए श्यामकली द्वारा रिपोर्ट किया गया है।
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