जिला महोबा ब्लॉक जैतपुर गांव बम्होरी खुर्द की रहने वाली गुलाब रानी का कहना है कि उन लोगों के यहां चाहे लड़के की शादी हो या लड़की की। शादियों में लोग मिलकर 20 से 30 किलो उड़द के दाल के बरा बनाते हैं। लोगों का कहना है कि अगर शादी में उड़द के दाल के बरा ना बने तो शादी अच्छी नहीं लगती।
गेंदारानी ने बताया है कि उनके यहां दाल के बरे बनाने की पुरानी परंपरा है। उनके बाप-दादा इसे बनाया करते थे। बरा को पूरी शादी के दौरान इस्तेमाल किया जाता है।
वह कहती हैं कि जब मामा जी घर आते हैं तो उन्हें खाने के लिए दाल, चावल, रोटी, बरा और चीनी दी जाती है।
इस तरह बनाये जाते हैं बरा
उड़द की दाल को पानी में भिगोकर रखिये। जब दाल अच्छी तरह से फुल जाती है तो उसको फिर सिलबट्टा या मशीन से पीसा जाता है। फिर उसे धूप में सुखाया जाता है और तेल में तलकर खाया जाता है। महिलाएं इसे सुखाकर आगे के लिए रख लेती हैं। खासकर महोबा जिले में ही शादियों के समय बरा बनाया जाता है।
महोबा जिले के लोगो का कहना है कि ऐसा नहीं है कि बरा सिर्फ एक ही बिरादरी में बनाया जाता है बल्कि यह हर बिरादरी के लड़का-लड़कियों की शादियों में बनाए जाते हैं।
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