महोबा: दुसरे प्रदेशों में फसे मजदूरों के परिवार वालों का हाल :जिला महोबा ब्लाक जैतपुर गांव लाडपुर के रहने वाले जमुना कुशवाहा और लोगों का कहना है कि हमारे बच्चे कोई 1 साल कोई 2 साल से बाहर कमाने के लिए गए थे अपना परिवार सहित मजदूरी करते थे 2 महीना से कोरोना महामारी के चलते हुए ना तो काम लग रहा है ना ही निकल पा रहे हैं
ये फसे मजदूरों अपने लालपुर गांव के लिए आने को परेशां हैं जिससे वह तो परेशान ही हैं लेकिन हम भी परेशान हैं हम अपने गांव के प्रधान और तहसील भी जा रहे हैं इनकी हमें कुछ उपाय बताया जाए ताकि हमारे बच्चे आ सके बाहर रहेंगे तो खाएंगे क्या कहते हैं कि जब हम से बात होती है तो कहते हैं कि हम लोग 1 दिन खाना बनाते हैं तो 2 दिन खाते हैं क्योंकि अब पैसा भी नहीं है बचा हुआ है ना ही दुकानें खुलती है और जो भी दुकान खुलती है तो ₹10 की चीज ₹50 में मिलती है आखिर ऐसे में कैसे रह पाएंगे परदेस जो गए हुए हैं उनको बाहर से गांव घर बुलाया जाए लेखपाल उदित नारायण का कहना है कि कि उनको बता दिया गया है जो ऑनलाइन के सिस्टम है वह ऑनलाइन करवाएं वहां की सरकार उनको खुद में व्यवस्था करके भेजें कि अपना सही एड्रेस दें शकुन प्रधान का लड़का उत्तम का कहना है कि हमारे यहां से लोग लिखवा कर ले जाते हैं और मोहर लगाकर ले जाते हैं प्रमाणित कराकर और हम करते भी हैं उनका आधार कार्ड और पता पूरा लिखकर दे देते हैं कि आप ऑनलाइन करा लीजिए