खबर लहरिया Blog श्रमिक स्पेशल ट्रेन से अपने घरों को लौट रहे मजदूरों की मौत से मचा हड़कंप

श्रमिक स्पेशल ट्रेन से अपने घरों को लौट रहे मजदूरों की मौत से मचा हड़कंप

श्रमिक स्पेशल ट्रेन से अपने घरों को लौट रहे मजदूरों की मौत से मचा हड़कंप :प्रवासी मजदूरों की वापसी के लिए भारतीय रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रही हैं। कोरोना के चलते ट्रेन का सफर कई मजदूरों के लिए उसके जीवन का आखिरी सफर बन गया।


ताज़ा मामला अयोध्या जिले से सामने आया है बताया जा रहा है कि 13 मई 2020 को मुंबई से अयोध्या के गोसाईगंज लौट रहे मजदूर की मध्य प्रदेश के इटारसी में ही ट्रेन में मौत हो गई। मृतक जनपद के गोसाईगंज थाना क्षेत्र के मानापारा का रहने वाला था। मौत होने के बावजूद ट्रेन को बीच में कहीं नहीं रोका गया। जब ये ट्रेन लखनऊ पहुंची तो जीआरपी के दो सिपाहियों ने उसके शव को उतारा। इसके बाद प्रशासनिक अफसरों के निर्देश पर कामगार का केजीएमयू अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। लापरवाही की हद तब हुई जब कोरोना रिपोर्ट आए बगैर ही शव को मृतक मजदूर के गृह जनपद अयोध्या भेज दिया गया। अयोध्या में उसका अंतिम संस्कार भी कोरोना प्रोटोकॉल के मुताबिक नहीं हुआ। बाद में जब इस मजदूर की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव निकली तो रेलवे से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक में हड़कंप मच गया।
सीएमओ अयोध्या डॉ घनशयाम सिंह का कहना है कि रेलवे उन 54 श्रमिकों का ब्यौरा जुटा रहा है जो कोच में श्रमिक के साथ थे । हालांकि अयोध्या जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने रिपोर्ट आने पर जानकारी मिलते ही त्वरित कार्यवाही करते हुए मृतक के अंतिम संस्कार में शामिल लोगों को क्वारन्टीन सेंटर में भेज दिया है । सभी के सैंपल कोरोना जांच के लिए भेजे गए हैं ।


ऐसा ही मामला 13 मई 2020 को 13 मई को बाँदा जिला में भी सामने आया है। गुजरात से प्रवासी मजदूरों को लेकर सुबह 6 बजे बांदा पहुंची स्पेशल श्रमिक ट्रेन में एक महिला का शव मिलने से हड़कंप मच गया। यह महिला गोरखपुर जिले की रहने वाली थी जिनकी उम्र लगभग 85 साल बताई जा रही है। मृतक धूपिया नाम की इन वृद्धा के बेटे रामसमूह ने बताया कि उनकी मां ह्रदय रोग से पीड़ित थीं। बड़ोदरा से जांच कराकर ही ट्रेन में बैठे थे। और ये सफर उनका आखिरी बन गया।
तीसरा मामला 11 मई का है पुणे से प्रयागराज जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में एक मजदूर की मौत हो गई है। सोमवार को ट्रेन जब सतना रेलवे स्टेशन पर रुकी तो हड़कंप मच गया। ट्रेन से मजदूर के शव को उतारने के लिए भी कोई तैयार नहीं था। सतना रेलवे स्ट्रेशन से ट्रेन छूटने के बाद उसे पश्चिम मध्य रेलवे के मझगंवा स्टेशन पर रोका गया। जहां जीआरपी, आरपीएफ, जिला पुलिस बल और चिकित्सा दल की मौजूदगी में शव को ट्रेन से उतारा गया। ट्रेन में मजदूर की मौत से हजारों मजदूरों में दहशत का माहौल था। पुलिस कोरोना संक्रमण के डर से ट्रेन की बोगी में प्रवेश नहीं कर रही थी। लोगों में ये डर है कि मजदूर की मौत कोरोना की वजह से तो नहीं हुई।
ये तीन मामले तो सिर्फ उदहारण है ऐसे और भी मामले गुजरात और मध्यप्रदेश के सतना से सामने आया है। घरों को भागने के लिए बेताब मजदूरों की जान जाना काफी चिंता का विषय बना हुआ है आखिर क्या वजह है जो इस तरह से मौते हो रहीं हैं?