हमारे देश में मक्का, गेहूं के बाद सबसे अधिक उगाई जाने वाली फसल है | मक्के की फसल को अनेक तरह से उपयोग में लाया जाता है | यह मनुष्य और पशुओ दोनों के लिए आहार का काम करती है | इसके अलावा व्यापारिक दृष्टि से भी इसका बहुत अधिक महत्त्व है |
मक्के की फसल को मैदानी क्षेत्रों से लेकर 2700 मीटर ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में भी आसानी से उगाया जा सकता है | इस अनाज की उपज लगभग तीन महीने में होती हैं। मक्का कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और विटामिन का अच्छा स्त्रोत है, जो कि मानव शरीर को ऊर्जा से भर देता है।
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मध्यप्रदेश के जिला सिवनी, ब्लॉक छपारा के गांव देवरी कला में हर साल बरसात के मौसम में मक्के की भरमार खेती होती हैं। यह खरीफ की फसल का सबसे मुख्य अनाज माना जाता हैं। खरीफ फसल की रोपाई जून- जुलाई के महीने में हो जाती है और इसकी कटाई सितम्बर के महीने में होती हैं।
यहाँ के किसानों से हमने बात की तो पता चला की इस क्षेत्र में खरीफ के जितने भी फसल होते है खास करके मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, कपास, मक्का, इत्यादि यहाँ पर लगा सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यहाँ पर मक्के की 1 एकड़ में लगभग 15 क्विंटल की उपज हो जाती है।
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उन्होंने आगे बताया कि यहाँ का किसान 5 एकर में 100 से 130 क्विंटल मक्के की खेती कर लेता है, और इसकी बिक्री लगभग 1500 से 1800 रूपए तक हो जाती है। इनकी बिक्री मध्यप्रदेश के अन्य जिले में अच्छी मात्रा में हो जाती हैं कि इन किसानों को कही और नहीं जाना पड़ता हैं।
यहाँ पर दो तरह के मक्के की खेती होती एक तो साधारण मक्का होता है, दूसरा मीठा मक्का होता है जिसकी बिक्री सबसे ज़्यादा होती हैं। वैसे तो लोग ठंड मे भुने हुए भुट्टे का भी खूब आनंद लेते है लेकिन ‘स्वीट कॉर्न’ यानी मीठे मक्के को लोग कई तरह के व्यंजनों मे भी बनाकर खाते है । इसे नाश्ते के तौर पर फ्राई करके भी खाया जाता है ।
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