खबर लहरिया Blog लखनऊ : कुछ मिनटों में 2 करोड़ से 18 करोड़ हुआ राम मंदिर ज़मीन का दाम, ट्रस्ट पर लगा घोटाले का आरोप

लखनऊ : कुछ मिनटों में 2 करोड़ से 18 करोड़ हुआ राम मंदिर ज़मीन का दाम, ट्रस्ट पर लगा घोटाले का आरोप

ट्रस्ट के सचिव ने कहा कि जो भी व्यक्ति राम जन्मभूमि की खरीद को लेकर उन पर आरोप लगा रहा है। वह राजनीतिक व्यक्ति है। वह लोगों में भ्रम फैला रहा है।

राम जन्मभूमि ट्रस्ट पर राम मंदिर ज़मीन की खरीद को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप का मामला सामने आया है। यह आरोप ट्रस्ट के सचिव चंपत राय पर लगाया गया है। आरोप यह है कि,जो जमीन कुछ समय पहले सिर्फ 2 करोड़ रुपये में बिकी थी। उसी जमीन को कुछ समय बाद 18.5 करोड़ रुपये में खरीद कर बड़ा घपला किया गया है।

आप और सपा पार्टी ने लगाया आरोप

राम जन्मभूमि ट्रस्ट पर यह आरोप आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार में मंत्री रहे पवन पांडेय ने लगाया है। पूर्व मंत्री पवन पांडेय ने अयोध्या में मीडिया के सामने रजिस्ट्री के दस्तावेज पेश कर आरोप लगाया कि राम जन्मभूमि की जमीन से लगी एक जमीन पुजारी हरीश पाठक और उनकी पत्नी ने 18 मार्च की शाम सुल्तान अंसारी और रवि मोहन को दो करोड़ में बेची थी। वही जमीन सिर्फ कुछ मिनटो बाद चंपत राय ने राम जन्मभूमि ट्रस्ट की तरफ से 18.5 करोड़ रुपये में खरीद ली।

आप पार्टी ने कहा कि ट्रस्ट द्वारा रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करके 16.5 करोड़ के भुगतान का दावा किया गया है। आप पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि  2 करोड़ की ज़मीन खरीद व 18 करोड़ के एग्रीमेंट, दोनों में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा गवाह हैं। उनका कहना है कि इस तरह हेराफेरी करके दान के पैसों में 16 करोड़ की चपत लगाई गई है। वह यह भी कहते हैं कि यह मनी लॉन्ड्रिंग (काले धन) का मामला है। जल्द से जल्द इस मामले की सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच कराई जानी चाहिए।

चंपत राय ने रखा अपना पक्ष

चंपत राय ने रविवार 13 जून की देर रात प्रेस विज्ञप्ति ज़ारी कर उन पर लगाए सारे आरोपों पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि,” जो राजनीतिक लोग इस संबंध में प्रचार करा रहे हैं वह भ्रामक है और समाज को गुमराह करने के लिए है। संबंधित व्यक्ति राजनीतिक हैं। अत: राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित हैं।”

चंपत राय ने यह कहा प्रेस विज्ञप्ति में

चंपत राय ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि 9 नवंबर 2019 को श्रीराम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद अयोध्या में भूमि खरीदने के लिए देश के असंख्य लोग आने लगे। उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या के सर्वांगीण विकास के लिए बड़े पैमाने पर जमीन खरीद रही है। इस कारण अयोध्या में एकाएक जमीन के दाम बढ़ गये। जिस ज़मीन की बात हो रही है वह रेलवे स्टेशन के पास बहुत प्रमुख स्थान है।

 

बाजार कीमत से बहुत कम मूल्य पर खरीदी भूमि

चंपत राय के अनुसार, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने अभी तक जितनी ज़मीने खरीदी है। वह खुले बाजार की कीमत से बहुत कम दाम पर खरीदी है। उक्त भूमि को खरीदने के लिए वर्तमान विक्रेताओं ने सालों पहले जिस दाम पर रजिस्टर्ड अनुबंध (एग्रीमेंट) किया था। उस भूमि का उन्होंने 18 मार्च 2021 को बैनामा कराया। उसके बाद ट्रस्ट के साथ एग्रीमेंट किया।

‘5.5 लाख रुपये प्रति सेकेंड बढ़ा जमीन का दाम’

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने रविवार को लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। उन्होंने कहा कि 5 मिनट में जमीन 16.5 करोड़ रुपये महंगी हो गई। जो विश्व रिकॉर्ड है। संजय सिंह ने कहा, “रविमोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी से 18.5 करोड़ में खरीदी दो करोड़ की जमीन। लगभग 5.5 लाख रुपये प्रति सेकेंड जमीन का दाम बढ़ गया। हिंदुस्तान क्या दुनिया में कहीं कोई जमीन एक सेकेंड में इतनी महंगी नहीं हुई होगी।”

लगभग दो साल पहले राम मंदिर और उसकी ज़मीन पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद लगा था कि सालों से चला आ रहा मुद्दा अब खत्म हो गया। जिसमें दोनों पक्षों को मंदिर और मस्जिद बनाने के लिए ज़मीन दी गयी थी। लेकिन अब ट्रस्ट पर ही ज़मीन के घोटाले को लेकर आरोप लगाया जा रहा है। हालांकि, अभी तक इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार की जांच नहीं की गयी है।

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