खबर लहरिया Blog लखनऊ दलित डिलीवरी बॉय केस : आखिर जाति के नाम पर कब तक होती रहेगी हिंसा

लखनऊ दलित डिलीवरी बॉय केस : आखिर जाति के नाम पर कब तक होती रहेगी हिंसा

दलित डिलीवरी बॉय होने की वजह से लखनऊ के एक ग्राहक द्वारा उससे आर्डर लेने से मना कर दिया जाता है यहां तक की उसके साथ मारपीट भी की जाती है।

                                                                                                                                    साभार – newstrack

19 जून को ज़ोमेटो के दलित डिलीवरी बॉय, विनीत रावत से ग्राहक ने नाम पूछने के बाद उससे ऑर्डर लेने से मना कर दिया। इतना ही नहीं ग्राहक डिलीवरी बॉय के मुँह पर थूकता है और इसके बाद कुछ लोग मिलकर उसके साथ मारपीट भी करते हैं। यह घटना लखनऊ के सेक्टर-H ,आशियाना इलाके की है।

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जानें क्या है पूरा मामला

विनीत के मुताबिक, ‘विरोध करने पर घर के अंदर से 10-12 लोग बाहर निकले और मेरे साथ मारपीट कीऔर  मेरे मुंह पर थूका। इस दौरान मैं मौके पर अपनी बाइक छोड़कर भागने पर मजबूर हो गया।’ इसके बाद विनीत ने यूपी 112 पर फोन कर पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने विनीत को उसकी बाइक वापस दिलाई।

ज़ोमाटो के डिलीवरी बॉय ने नजदीकी थाने में मामले की शिकायत दर्ज कराई। आशियाना थाने के इंस्पेक्टर दीपक पांडे ने बताया कि विनीत रावत की तहरीर पर अजय सिंह, उसके नौकर और 10-12 अज्ञात लोगों के खिलाफ मारपीट, बलवा, धमकाने और एससी/एसटी की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। वहीं, विपिन के हाथ और पैर में चोटें भी आयी थी।डिलीवरी बॉय के परिजनों ने भी आरोपियों के लिए ‘कड़ी सजा’ की मांग की हैं।

इस वारदात में कुल 14 लोग हुए गिरफ्तार

आशियाना थाना के एसएचओ, दीपक कुमार पांडेय ने बताया कि इस मामले में अजय सिंह और उनके नौकर विवेक शुक्ला को गिरफ़्तार किया गया है। इन दोनों के अलावा पुलिस ने 12 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।

भारत में नो जातिवाद, सब एक समान

ऐसा कहा जाता है कि भारत एक स्वतंत्र देश है, यहाँ पर सब एक सामान हैं। जाति-धर्म तो केवल एक उपनाम के तौर पर इस्तेमाल होती हैं। हम 21वीं सदी में जी रहे है, लेकिन आज भी जाति-धर्म के नाम पर लोग आपस में लड़ रहे हैं। आजकल जाति सम्बंधित घटनाएं तो इतनी बढ़ गयी हैं कि गिनती भी नहीं की जा सकती।

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हिंसा ने अब किसी भी जगह को नहीं छोड़ा

जहाँ फ़ूड डिलीवरी सिस्टम ने लोगों का काम आसान कर दिया है, वहीं इस जगह भी हिंसा दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही हैं। भला ऐसा कैसे हो सकता हैं कि इस भाग में हिंसा न हों। डिलीवरी एजेंट पर हिंसा होना कोई आम बात नहीं हैं।

ऐसी घटना से लोग बटोर रहें हैं फैन फोल्लोविंग

पिछले साल भी एक ऐसी घटना सामने आयी थी जिसमे बंगलोर की एक महिला ने ज़ोमेटो के डिलीवरी बॉय पर छेड़खानी का केस दर्ज किया था। इस घटना से सोशल मीडिया पर इस महिला को बेहद फैन फोल्लोविंग मिली वहीं डिलीवरी बॉय को न्याय नहीं मिल पाया।

वैसे तो ऐसी घटनाएँ आम सी हो गई हैं। आजकल तो जाति के नाम पर लोगों को मार भी दिया जाता हैं। उनके लिए यह कोई बड़ी बात नहीं हैं। लेकिन क्या यह सही बात है कि बिना मतलब की बात पर एक शख्स के साथ मारपीट की जाए। वैसे तो इस मामले में पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और आरोपियों को गिरफ़्तार किया। लेकिन आज भी जाति को लेकर कुछ मामले ऐसे हैं जिन पर कोई कार्यवाही नहीं होती।  वहीं यह भी सवाल आता है कि अगर इस मामले में कोई सबूत नहीं होता तो क्या पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेती?

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इस खबर को आमरा आमिर द्वारा लिखा गया है। 

 

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