खबर लहरिया कोरोना वायरस लॉकडाउन: कड़वी यादों का एक साल, तब और अब में क्या कुछ बदला? देखिये द कविता शो

लॉकडाउन: कड़वी यादों का एक साल, तब और अब में क्या कुछ बदला? देखिये द कविता शो

नमस्कार दोस्तों द कविता शो के इस एपिशोड में आपका स्वागत है . दोस्तों कोरोना को अपने देश में पैर जमाए एक साल हो गये | मुझे लगा की इस बार एक बार और चर्चा करते हैं | देखते किस तरह से हमने इस कोरोना काल के साथ साथ खट्टी मीठी यादों के साथ में जीवित हैं और अपने को कैसे वेहतर बना पाए हैं तो दोस्तों आओ आज फिर से चर्चा करतें हैं|

कोरोना महामारी की चर्चा बढती गई चारो तरफ से मौत का मंजर दिखने लगा | खूब चर्चा हुई कोरोना से निपटने के लिए | जिन्दगी जीने के अलग अलग तरह के नियम बनाये गयें , घर से बाहर नहीं निकलना, सामाजिक दूरी बना कर रखना है , वैक्सीन की खोज वगैरा वगैरा | वैक्सीन की चर्चा ने लोगों के अंदर कोरोना से निपटने के लिए आस बधाई और 16 जनवरी २०२१ में फ्रंट लाइन के लोगों को पहली बार कोविड वैक्सीन का टीका लगा | 2020 का साल सबके लिए दुःख दाई रहा है 24 मार्च से पूर्ण रूप से लगा लाक डाउन ने सबको तबाह कर दिया था |

सबसे ज्यादा जिसकी जिन्दगी प्रभावित हुई वो हैं मजदूर ,गरीब किसान . पलायन करके प्रदेश गये मजदूरों के लिए एक तरह से ये लाक्दाउन किसी भी श्राप से कम नहीं था . कम्पनीयां बंद हुई दूकान और बाजार बंद हुए और मजदूरों को निकाल फेक दिया गया रोड पर, मजदूर पैदल अपने वतन के लिए आये . चिलचिलाती धूम, तडपती भूख और गला सुखाती प्यास ने कई मजदूरी की जिन्दगी निगल गई . 2020 ऐसे लगा रहा था की कितना जल्दी निकल जाए. हम सभी सोच रहे थे की २०२१ का साल आयेगा तो जरुर से सबकुछ बदल जाएगा . कुछ नया होगा |

वैक्सीन आ जायेगी और सबकी जिन्दगी भी नार्मल हो आएगी लेकिन ऐसा सोचना सिर्फ सपना के बराबर था . जनवरी २०२१ का साल आ गया और कोरोना के टीके की शुरुआत भी हुई लेकिन बदलता हुआ कुछ भी नहीं दिख रहा है . जनवरी के बाद से फिर से कोरोना के केसों की संख्या बढती जा रही है. सब लोग आजादी से विना मास्क और बिना सामाजिक दूरी बनाये घूम रहें हैं |

खूब शादियाँ हो रही हैं चुनावी रैली हो रही है लोग बसों और ट्रेनों में खचाखच भरी भीड़ में यात्रा भी कर रहें हैं सरकार की गाईड लाइन का पालन न तो सरकारी विभाग करता है न ही आम जनता वन इण्डिया.कॉम की रिपोर्ट के अनुसार भारत और दुनिया में कोरोना वायरस से संक्रमण के नए मामले हर रोज सामने आ रहे हैं। सोर्स- वन इण्डिया .कॉम दुनियाभर में कुल केस 12 करोड़ के पार पहुंच गए हैं और 27 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।

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वहीं भारत में कुल मामले अब एक करोड़ की संख्या के पार पहुंच गए हैं और कोरोना के कुल मौतों का आंकड़ा एक लाख 50 हजार के आंकड़े के पार पहुंच गया है। देश में आज शाम तक कुल एक करोड़, 17 लाख, 38 हजार केस हैं। इनमें एक्टिव मरीजों की संख्या 3,65,955 हैं। वहीं इलाज के बाद संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों की संख्या 1,12,16,190 है। अब तक कुल 1,60,421 मौतें देश में कोरोना से हुई हैं। दुनिया के दूसरे देशों से भारत की तुलना की जाए तो कोरोना प्रभावित देशों की सूची में भारत दूसरे नंबर पर है। सिर्फ अमेरिका में ही भारत से ज्यादा मामले हैं।

कोरोना बहुत स्मार्ट है स्कूल खुले ही थे कि वह बिफर पड़ा और बन्द करा दिया 31 मार्च तक के लिए 8वीं तक के स्कूल। अब बढ़िया सो जाएगा मौका देखकर जगेगा। चुनावी रैली और जनसभाओं में चू तक नहीं करता, डरता है कहीं उसको वोट न मिले तो…..तो। कोरोना को भी सरकार का कहना मामना ही पड़ता है जैसे यहां के नागरिक मानते हैं।

बात सही है न दोस्तों . 6- मेरा ये शो अगर आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों के साथ में सेयर करें. अगर खबर लहरिया चैनल को सब्सक्राईब नहीं किया है तो जरुर से कर ले ताकि मेरा हर नया शो का नोटिफिकेशन आप तक सबसे पहले पहुंचे .तो दोस्तों इस बार के शो में इतना ही अगले एपिशोड में फिर मिलूगी कुछ करारी बातो के साथ में तबतक के लिए नमस्कार