प्राथमिक विद्यालय मित्रपुरा में 17 फरवरी 2020 को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पहुंचे निरीक्षण करने इस विद्यालय में जब अधिकारी मौके पर पहुंचे तो वहां जा कर देखा के पुस्तकालय ही स्टोर रूम में तब्दील हो गया है
वो देखने गये थे की विद्यायल में क्या चल रहा है इसी दौरान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने हर एक चीजों को देखा और अध्यापको से सवाल किया गया.
निरीक्षण के दौरान विद्यालय मे तैनात तीन शिक्षक मौके पर नही मिले ।और मौके पर उपस्थित शिक्षा मित्र दिनेश मिश्रा ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को बताया कि शिक्षिका नीलम कुमारी बीएसए कार्यालय गयी हैं जिस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि शिक्षा का काम को छोड़कर बीएसए कार्यालय का चक्कर क्यों काट रही है।बाकी दो शक्षकों के सम्बंध मे पूँछने पर शिक्षा मित्र के पास कोई जबाब नही रमिला ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा जब सभी शिक्षिकाएं गायब ही हैं तो क्या ये बच्चे ऐसे ही बैठे रहते हैं?
वहीं शिक्षामित्र ने बताया कि कक्षा 1 से 5 तक कुल 101 बच्चे पंजीकृत है लेकिन मौके पर छात्र छात्राओं की लगभग पचास बचें आयें थे !
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने अध्यापकों व बच्चों का उपस्थिति रजिस्टर भी चेक किया।आलमारी खोल कर देखने पर आलमारी मे बच्चों के ड्रेस रखे हुए मिले जिस पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नाराजगी जताई और जल्द से जल्द बच्चों को ड्रेस उपलब्ध कराने का आदेश दिया। एक तरफ शिक्षा का पाठ पढ़ाता है स्कूल और सरकार वहीं दूसरी तरफ हैंडपम्प के पास साबुन न रखे जाने पर उन्होंने शिक्षामित्र से पूँछा तो बताया गया कि साबुन रसोईं घर मे है इस पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट तुरंत रसोई घर मे पहुँचे लेकिन वहाँ भी साबुन नही मिला।ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बच्चों से साफ- सफाई पर सवाल भी पूँछा लेकिन कोई बच्चा जबाब नही दे सका।उन्होंने क्लास रूम मे टूटे फर्नीचर व बच्चों के खाने की प्लेट रखी होने पर नाराजगी जताई।
जब पुस्तकालय जा कर देखा तो पता चला पुस्तकालय स्टोर रूम बन चूका है इसमें सारे फ़ालतू की चीजे रखे है साथ ही लोहा सिंह सहायक अध्यापक से बात किया गया है इस बारे में जवाब देते है की सफाईकर्मी ने अपनी झाड़ू भी रखा हुआ है लेकिन आज ही रखा है और दिन वो अपने ऑफिस में रखता है आज अचानक से रख दिया है और दिन नहीं रखता है कमरा ज़्यादा नहीं है इस कारण से रखा है क्या करे कमरे की भी बहुत कमी है इस विधालय में तीन कमरे है पांच क्लाश चलती है और खाने के बारे में बताया है की आज के खाने में रोटी सब्जी बना था और फल था आज मीनू के अनुरूप ही रखा बना है फल में केला मिला है सभी बच्चो को लेकिन जब मीनू को चैक किया गया था उसके अनुसार खाना भी नहीं बना था!
देश के शिक्षा व्यवस्था अभी भी सुविधाओं के लिए तरस रहा है लेकिन सवाल ये है की जब भारत सरकार शिक्षा के नाम पर और सफाई पर बजट खर्च कर रही है ? तो क्यों बच्चे पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं?
लेकिन शहर से दूर बसे गांव में आज भी पुरानी चीजों का उपयोगिता नहीं हो पा रहा जो कि स्कूलों में होना चाहिए