लसोड़े के पेड़ की हर एक चीज फायदेमंद होती है। अगर आपका गला खराब है उसे ठीक करने के लिए लसोड़े की छाल को पानी में उबालें और फिर छानकर पिएं। स्वाद के लिए आप इसमें काली मिर्च और शहद भी मिला सकते हैं।
लसोड़ा फल की यह हैं खूबियां
आपने अपने घर के आस-पास या नदी किनारे या फिर जंगल में लसोड़ा के पेड़ देखे होंगे, लेकिन शायद आप इसकी खूबियों के बारे में नहीं जानते। इस पेड़ के फल, पत्ते, छाल और बीज हमारी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। लसोड़ा पोषक तत्वों और औषधीय गुणों से भरपूर फल होता है। देश के कई जगहों पर इसे गोंदी और निसोरा भी कहा जाता है। कच्चे लसोड़े का साग और अचार भी बनाया जाता है। जंगल के आस-पास बसे लोग ज्यादातर अलग-अलग तरह के जंगली फलों का ही सेवन करते हैं। जैसे कि इस समय लसोड़ा का फल है। तेजी से बदलते खानपान की वजह से यह फल अब लोगों की पहुँच से दूर होता जा रहा है।
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गुणों से भरपूर वनस्पति औषधि है लसोड़ा
चित्रकूट जिले के मानिकपुर की रहने वाली रानी कहती हैं कि लसोड़ा का फल सुपारी के बराबर होता है। जब लसोड़ा का फल कच्चा होता है तो इसका साग साग और अचार बनाया जाता है। पके हुए लसोड़े के फल भी बहुत मीठे होते हैं। इसके अंदर गोंद की तरह चिकना और मीठा रस होता है और खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होता है। इसके पेड़ की तीन से चार जातियां होती है पर मुख्य दो हैं जिन्हें लमेड़ा और लसोड़ा कहते हैं।
पोषक तत्वों का खजाना होता है लसोड़ा
– लसोड़े फल में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, आयरन, कैल्शियम और फास्फोरस खूब पाया जाता है।
– सूखे मेवे की तरह भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
– इस फल को सुखाकर लड्डू भी बना सकते हैं।
– इसका चूरन भी बनाया जाता है।
– शरीर की ताकत बढ़ाने में यह काफी मददगार होता है।
– लिवर को भी दुरुस्त रखता है।
– दर्द और सूजन में भी यह फल बेनिफिशियल होता है।
स्किन से जुड़ी समस्याएं दाद, खाज, खुजली, दाने और एलर्जी से लसोड़े का फल छुटकारा दिला सकता है। इसके बीज को आप पीसकर पेस्ट बनाकर स्किन एलर्जी वाली जगह लगा सकते हैं, इससे काफी आराम मिल सकता है।
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लसोड़े की छाल से गले को मिलता है आराम
लसोड़े के पेड़ की हर एक चीज फायदेमंद होती है। अगर आपका गला खराब है उसे ठीक करने के लिए लसोड़े की छाल को पानी में उबालें और फिर छानकर पिएं। स्वाद के लिए आप इसमें काली मिर्च और शहद भी मिला सकते हैं। इससे आपके गले की खराश दूर हो जाएगी। इसके अलावा इसके पेड़ की छाल का काढ़ा महिलाओं को पीरियड में होने वाले दर्द से राहत दिलाता है। इतना ही नहीं अगर कहीं पर सूजन है तो इसके पेड़ की छाल का काढ़ा और कपूर का मिश्रण तैयार कर सूजन वाले हिस्सों में मालिश करने से आराम मिलता है।
सुनीता कहती हैं की लसोड़ा का बीज भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके बीज को पीसकर दाद खाज और खुजली वाले जगह पर लगाने से आराम मिलता है और लसोड़ा के फलों को सुखाकर चूर्ण बनाते है और मैदा, बेसन और घी के साथ मिलाकर लड्डू बनाते हैं। इस लड्डू के खाने से शरीर को ताकत और स्फूर्ति मिलती है। लसोड़ा की छाल का काढ़ा पीने से महिलाओं को माहवारी की समस्याओं में भी आराम मिलता है।
जब आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं थी तो लसोड़े के प्रयोग से ही कई बीमारियां दूर की जाती थीं। लगभग हर घर में लसोड़े के बीज, चूर्ण आदि रखा जाता था। जिसे जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जाता था।
सैकड़ों बीमारियों को दूर करने वाली जड़ी बूटी है लसोड़ा
जब अस्पताल में अंग्रेजी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं थी तो गांव के बुजुर्ग लोग लसोड़े के फल, छाल,फूल और बीज के प्रयोग से ही कई बीमारियां दूर कर लेते थे। लगभग हर घर में लसोड़े के बीज का चूर्ण रखा जाता था। जिसे जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जाता था। लसोड़ा हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि शहरों में होता है। जंगल के अलावा लोग अपने खेतों के किनारे पर भी इसे तैयार करते हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण इसके पेड़ लुप्त हो रहे हैं। इसके बीज से पेड़ तैयार करना लगभग असंभव है। अब जब लसोड़े का पेड़, फल और छाल औषधीय गुणों से भरपूर और इतना फायदेमंद है तो सरकार को इस प्रजाति के संरक्षण का भी हल निकालना चाहिए।
इस खबर की रिपोर्टिंग सहोदरा देवी द्वारा की गई है।
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