खबर लहरिया खेती “मकई की खेती की अनूठी कहानी: 48 वर्षीय किसान की संघर्ष, सफलता और प्रेरणा”

“मकई की खेती की अनूठी कहानी: 48 वर्षीय किसान की संघर्ष, सफलता और प्रेरणा”

बिहार के मसौली ब्लॉक के अंतर्गत स्थित नवलपुर गांव में मकई की खेती बेहद प्रसिद्ध है। गांव के किसानों से हमने इस विषय पर बातचीत की और उनसे मिली जानकारी के अनुसार, बिहार में मकई की खेती दो अलग-अलग समय पर की जाती है। गर्मियों में और मानसून के समय। इसकी यह वजह है कि यहां पर पानी की आपूर्ति सुविधाजनक होने के कारण, मकई की खेती के लिए दो अलग समयों पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

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मकई की खेती का आदान-प्रदान फरवरी माह में होता है, जब यहां पर पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होती है इसलिए खेत में मकई के बीज बोए जाते हैं। मकई को उगाने के लिए यहां एक विशेष तकनीक का उपयोग किया जाता है। एक बराबर की रस्सी बांधकर खुंटी को बराबर रखकर, इसके बाद उसके अनुसार बीजों को एक-एक करके बोया जाता है। इससे मकई के पेड़ समान और सही दिशा में उगते हैं, क्योंकि अन्य फसलों की तरह उन्हें इसमें यात्रा कराने की क्षमता नहीं होती।

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