वैसे तो सरकार द्वारा हर साल सितम्बर के महीने में ‘राष्ट्रीय पोषण सप्ताह’ अभियान मनाया जाता है, लेकिन आज भी कुछ गाँव में पोषाहार के नाम पर लोगों कुछ नहीं मिलता। जिला ललितपुर के गांव छपरट में जब खबर लहरिया के रिपोर्टर ने वहां के लोगों से बातचीत कि तो उन्होंने यह आरोप लगाया कि आंगनवाड़ी से उन्हें पिछले 2 महीने से पोषाहार नहीं मिला है जिससे लोग बहुत परेशान हैं।
ये भी देखें – भारत लगा सकता है चावल के निर्यात पर रोक, किसानों पर हो सकता है बड़ा असर
उनका कहना है कि अगर बच्चे-बूढ़ों को समय पर खाना नहीं मिलेगा तो वह मर नहीं जायेंगे। उन्होंने आंगनवाड़ी के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया है कि अगर एक परिवार में 4 लोग हैं तो उन्हें केवल एक ही व्यक्ति का पोषाहार मिलता है।
गांव के सारे बच्चे आंगनवाड़ी में ही जाते हैं लेकिन वहां से उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता। लोगों का यह भी कहना है कि समूह केंद्र में पोषाहार रखे हुए हैं लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिल रहा है बल्कि वहां के कार्यकर्ता उनसे बदतमीज़ी करते हैं और वहां से भगा देते हैं।
ये भी देखें – रामपुर : उत्तर प्रदेश का सबसे सुन्दर पर्यटन स्थल,’कस्तूरबा गांधी पक्षी विहार’
जब खबर लहरिया ने बाल परियोजना अधिकारी से फ़ोन पर बात की तो उन्होंने आश्वासन दिया कि गांव कि तरफ से अगर शिकायत दर्ज होती है तो वह जल्द से जल्द इस समस्या की कार्यवाही करेंगे।
ये भी देखें – हमीरपुर: बनने से पहले ही कूड़े के ढेर में तब्दील हुआ कूड़ा प्लांट
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’