ललितपुर: लॉकडाउन में इस बच्चे की आवाज़ में सुनिए बुंदेलखंडी गीत : हम सभी ख्वाहिश रखते हैं कि हमारे परिवार के बच्चे बड़े होकर कुछ खास बनें, लेकिन कुछ बच्चे बचपन में ही इतने ‘बड़े हो जाते हैं कि बड़े-बड़े भी उनका मुकाबला न कर पाएं। विलक्षण प्रतिभा रखने वाले ऐसे ही ललितपुर जिले के ब्लाक महरौनी गांव जरया के 17 वर्षीय जयराम जो उम्र में तो छोटे हैं लेकिन इनके सुर बहुत ऊँचे हैं तो आइये मिलते हैं जयराम से करते हैं कुछ बाते और सुनते हैं उनके बुंदेलखंडी गीत , जय राम गायक कलाकार का कहना है कि हम करीब 10 साल की उम्र से पार्टियों में जा रहे हैं और हमें अच्छा भी लगता है पार्टियों में जाना हम गाना भी गाते हैं लगड़िया भी बजाते हैं ढोलक भी बजाते हैं पहले से ही हमें गाना गाने की रुचि है जब हमारी मम्मी शादी विवाह में गाना गाती थी तो हम सीखते रहते थे हमारे परिवार वालों ने पूरा सहयोग दिया और उनका भी यही कहना है कि गांव में बैठने से अच्छा है कि तुम अपना नाम कमाओ और हमारा पूरा परिवार भी गायकी से चलता है हर साल हम ₹20000 कमाते हैं और इस बार लोग डाउन के चलते हम गाने नहीं जा पा रहे तू ₹20000 का नुकसान है और 20,000 से ज्यादा भी कमा लेते हैं एक रात में ₹5000 मिलते हैं हमें बहुत ही नुकसान है लोग डॉन के चलते जैसे गाना गाने नहीं जा पा रहे तो हमारा परिवार नहीं चल रहा है घर में खाने पीने की स्थिति खराब हो रही है हमारे पास जमीन जा जात है नहीं कि उसमें गुजारा चलाएं हम तो इसी प्रोग्राम के भरोसे रहते हैं हम बहुत ही परेशान हो रहे हैं ऐसा कभी नहीं हुआ जैसा लॉक डाउन के चलते हो रहा है और हम घर में रहते हैं तो बैठे-बैठे बोर हो जाते हैं इसलिए अपने पेड़ों के पास जाकर बैठते हैं और लगड़िया बजाते हैं और गाना गाने की प्रैक्टिस करते हैं और घर में भी बजाते रहते हैं और गाना गाते रहते हैं हम गाना नहीं बनाते हैं कभी दूसरे हैं और हम तो गाते हैं सभी प्रकार के गीत हमें पसंद है और जैसे जहां जाते हैं तो लोग जैसा गीत सुनने को कहते हैं हम वैसा ही सुनाते हैं सभी पार्टियों में जाते हैं जैसे शादी द स्टोन जन्मदिन नवदुर्गा जब भी कोई फंक्शन होता है जो बुलाता है तो हम जाते हैं और आगे भी हमें बहुत उम्मीद है कि हम गीत के माध्यम से आगे बढ़ेंगे और आगे तरक्की भी करेंगे