खबर लहरिया Blog Zero Poverty Yojana 2024: एक साल में गरीबी मुक्त राज्य बनाने का अभियान, जानें योजना की पूरी जानकारी

Zero Poverty Yojana 2024: एक साल में गरीबी मुक्त राज्य बनाने का अभियान, जानें योजना की पूरी जानकारी

जीरो पॉवर्टी योजना का उद्देश्य प्रत्येक ग्राम पंचायत के सबसे गरीब परिवारों की पहचान करना और उन्हें मुख्यधारा में शामिल करना है।

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                                                                                                                                   सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार – सोशल मीडिया)

यूपी की सरकार ने गाँधी जंयती यानी 2 अक्टूबर को जीरो पॉवर्टी योजना (Zero Poverty Yojana) की शुरुआत की। इस अभियान के बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार एक साल के भीतर उत्तर प्रदेश को देश का पहला “गरीबी मुक्त” राज्य बना देगी। अभियान के तहत इन परिवारों को भोजन, कपड़े, गुणवत्ता शिक्षा, स्वास्थ्य की देखभाल, आवास की सुविधाएं और आय का एक स्थिर स्रोत प्रदान करने के लिए सहायता दी जाएगी।

जीरो पॉवर्टी योजना (Zero Poverty Yojana) के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में सबसे गरीब 10-25 परिवारों के बारे में जानकारी इकट्ठा की जाएगी। इन परिवारों के चयन के लिए तीन स्तरीय हाइब्रिड पद्धति (दो या उससे ज़्यादा अलग-अलग तकनीकों का मिलाकर अपनाई जाएगी, जिससे सूचना को आसानी से प्राप्त किया जायेगा। इस अभियान के चयन के प्रत्येक चरण में शामिल ग्राम पंचायतों के कर्मचारी, अधिकारी और कर्मचारी जिम्मेदारी लेंगे।

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जीरो पॉवर्टी योजना (Zero Poverty Yojana) का उद्देश्य

इस जीरो पॉवर्टी योजना का उद्देश्य प्रत्येक ग्राम पंचायत के सबसे गरीब परिवारों की पहचान करना और उन्हें मुख्यधारा में शामिल करना है।

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जीरो पॉवर्टी योजना के लिए कौन होंगे पात्र?

इस अभियान के लिए तीन स्तर पर पात्रता की पहचान की जाएगी।

सबसे गरीब परिवारों की पहचान एक ऐप के ज़रिए की जाएगी। इस एप का नाम ‘मॉप-अप’ होगा। इस ऐप में चार मुख्य मानदंडों के आधार पर पहचान की जाएगी।

पहला – ऐसे परिवार जिनके पास घर नहीं है जो बेघर हैं या कच्चे घरों में रहते हैं।
दूसरा – ऐसे भूमिहीन परिवार जो अपनी आजीविका के लिए पूरी तरह से कृषि पर निर्भर हैं।
तीसरा – जिन्हें दिहाड़ी मज़दूरी या कृषि मज़दूरी पर मिलती है ऐसा निर्भर परिवार। इसके साथ ही जिन लोगों को अनिश्चित और अनियमित आय मिलती हो।
चौथा – ऐसे परिवार जिनके पास कामने का संसाधन नहीं हैं मतलब जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। ऐसे परिवार जो लगातार भोजन और कपड़ों की कमी का सामना कर रहे हैं

इन सभी परिवारों की पहचान ग्राम-स्तरीय कर्मचारी और कैडर इन परिवारों की पहचान करेंगे। वे उनकी जानकारी को मॉप-अप मोबाइल ऐप में दर्ज करेंगे। इन कर्मचारियों में पंचायत सहायक (पंचायत सहायक), ग्राम रोज़गार सेवक, आजीविका मिशन से जुड़ी समूह सखियाँ और बीसी सखियों सहित अन्य सामुदायिक कैडर भी शामिल होंगें।

सरकार द्वारा जारी की गई वेबसाइट में इसके बारे में जानकारी दी जाएगी। जैसे https://zero-poverty.in/login इस लिंक को खोलते हैं तो कुल ग्राम पंचायतों की संख्या, कुल अति गरीब परिवार, कुल परिवार सदस्य, कुल जारी परिवार आईडी, कुल स्वीकृत डीबीटी आवेदन, डीबीटी के माध्यम से प्राप्त कुल राशि बारे में जानकारी मिल जाएगी तथा जैसे जैसे अपडेट होगा इसमें और जानकारी जोड़ दी जाएगी। आप इस लिंक पर जा कर देख सकते हैं।

 

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