खबर लहरिया चुनाव विशेष क्या है नगर निकाय चुनाव? देखें राजनीति रस, राय | UP Nikay Chunav 2023

क्या है नगर निकाय चुनाव? देखें राजनीति रस, राय | UP Nikay Chunav 2023

नमस्कार दोस्तों, कैसे हैं आप सब? मैं मीरा देवी खबर लहरिया की प्रबन्ध संपादक अपने शो ‘राजनीति रस राय’ में आपका बहुत-बहुत स्वागत करती हूँ। यूपी में नगर निकाय चुनाव 2023 बीरबल की खिचड़ी जइसेन होई गवा। आज तक साइत नहीं आ पाई मतलब अभी शुभ मुहूर्त निकाल पाना चुनाव आयोग के लिए टेढ़ी खीर साबित हो गया है। ये मीडिया भी न खूब चटकारे ले रही है यह कहकर कि ‘यूपी में निकाय चुनाव का इंतजार हुआ खत्म’ ‘यूपी निकाय चुनाव की तारीखों का जल्द होगा ऐलान, सामने आया सबसे बड़ा अपडेट’। आखिर यह निकाय चुनाव क्या होते हैं, इसके बारें में आपको इस शो पर विस्तार से जानकारी देने वाली हूँ?

उत्तर प्रदेश में यह चुनाव दिसंबर 2020 में संपन्न होनें थे, परन्तु कोरोना के कारण अभी तक मतदान की तिथि निर्धारित नहीं हो पाई है। अब यह कयास लगाये जा रहे है कि आने वाले मई या जून माह में चुनाव करवाये जा सकते हैं। यूपी की 734 नगरपालिकाओं के सदस्यों जिसमें 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद और 546 नगर पंचायतें शामिल हैं सबके चुनाव एक साथ होंगे। हमारे देश में तीन स्तर के चुनाव होते हैं, जिसमें लोकसभा, विधानसभा और निकाय चुनाव जिसे हम पंचायत या नगर निगम चुनाव के नाम से भी जानते हैं। स्थानीय स्तर पर जनता की समस्याओं के समाधान के लिए यह चुनाव संपन्न कराये जाते हैं। इस चुनाव का मुख्य उद्देश्य स्थानीय स्तर पर विकास में तेजी लाना है। यह चुनाव शहरों, गावों और कस्बों की प्रगति को और तीव्र करते हैं।

प्रशासन के तहत इसे सबसे नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत में बांटा गया है।

नगर निगम क्या है?

दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों को ‘नगर निगम’ की संज्ञा दी जाती है। एक नगर निगम के अंतर्गत मेयर और पार्षद का चुनाव होता है।

नगर पालिका किसे कहते हैं?

ऐसे शहर जिसमें लोगों की जनसंख्या दस लाख से कम होती है, उन शहरों में ‘नगर पालिका’ का चुनाव होता है। नगर पालिका के अंतर्गत अध्यक्ष और सभासद का चुनाव होता है।

नगर पंचायत का क्या अर्थ है?

यदि हम नगर पंचायत की बात करें तो यह ऐसे क्षेत्र होते हैं जो ना ही पूरी तरह शहर होते हैं और न ही पूरी तरह से कस्बे होते हैं उनको ‘नगर पंचायत’ कहा जाता है। एक नगर पंचायत के अंतर्गत पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, बीडीसी आदि का चुनाव होता है।

कैसे होता है चुनाव में आरक्षण?

अब आइये बात करें कि आरक्षण की व्यवस्था किस तरह होती है क्योंकि इसी आरक्षण के चलते अब तक यह चुनाव नहीं हो पाया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 (घ) के अंतर्गत एससी और एसटी के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के अंतर्गत एससी/ एसटी वर्ग को आरक्षण उनकी जनसंख्या के अनुपात में दिया जाता है | उदाहारण के रूप में यदि किसी गाँव की जनसंख्या में अनुसूचित जातियों (एससी) की जनसंख्या 30 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) की 21 प्रतिशत है, तो उनके लिए क्रमशः 30 प्रतिशत और 21 प्रतिशत स्थान आरक्षित होंगे। इस प्रकार आरक्षित स्थानों में से 1/3 स्थान अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे | प्रत्येक पंचायत में प्रत्यक्ष निर्वाचन से भरे जाने वाले कुल स्थानों में से 1/3 स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे।

कौन लड़ सकता है नगर निकाय चुनाव?

नगर निकाय चुनाव कौन लड़ सकता है इसकी शर्ते हैं कि प्रत्याशी को भारतीय नागरिक होना चाहिए। नगर निगम, निकाय क्षेत्र का मतदाता होना जरूरी है। पार्षद पद के लिए एक प्रत्याशी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष और अध्यक्ष तथा मेयर पद के प्रत्याशी की उम्र 30 वर्ष निर्धारित है। नामांकन के समय प्रत्याशी के साथ दो समर्थक व दो प्रस्तावक संबंधित वार्ड का होना ज़रूरी है। निकाय चुनाव कराने की प्रक्रिया क्या होती है। इसके बारे में अगले एपिसोड में जरूर बताऊंगी। अभी के लिए दीजिए इजाजत नमस्कार!

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Comments:

  1. Dhermendra Singh says:

    उत्तर प्रदेश में पिछली बार नगर निकाय का चुनाव 2017 की चौथी तिमाही में हुआ था, इसके अनुसार साल 2022 के नवंबर या दिसंबर में नगर निकाय के चुनाव होने चाहिए थे जबकि आपकी स्क्रिप्ट में 2020 में चुनाव होना लिखा है, जो मेरी जानकारी के हिसाब से गलत है, आप इसे क्रॉस चेक भी कर सकते हैं।

    मौजूद समय में जो चुनाव होने हैं वह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार होंगे।

    सादर
    धर्मेन्द्र सिंग
    हाथरस (उत्तर प्रदेश)
    मो. न. – 8448949265

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