जिला हमीरपुर के क़स्बा सुमेरपुर के चमड़ा कारीगरों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि यह काम उनका पुश्तैनी है। उनके बाबा दादा कई जमाने से इस काम को करते हुए आ रहे हैं।उन्होंने अपने चमड़े की जूती चप्पल बेल्ट की कई खासियत बताए उनमें से एक यह है कि चमड़े की जूतियां पहनने से चर्म रोग जैसी बीमारियों से मुक्त हुआ जा सकता है।
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यह है गर्मियों में ठंडा और सर्दियों में पैर को गर्म रखती है।पानी में भी इसका कोई नुकसान नहीं होता है। इसी खासियत की वजह से इनकी जूतियां देश विदेश तक जाती हैं। वह अपने कार्य को और बढ़ाने के लिए कई बार एप्लीकेशन दे चुके हैं कि उन्हें सरकार के द्वारा दुकान दी जाए जिसमें वह अपने कारोबार को बढ़ा सके। क्योंकि काफी सारे लोग घर पर ही काम करके अपना गुजारा कर रहे हैं।
सरकार ने इस काम को ओडीओपी योजना में काफी समय पहले ही ला दिया था लेकिन उसके आगे कुछ नहीं हुआ। हाल ही में जिला अधिकारी द्वारा हमीरपुर में मेला लगाया गया वहां पर उन्होंने कहा कि क्या जरूरत है इनको दुकानों की यह लोग घर पर बैठ कर अपना कारोबार कर सकते हैं। चमड़ा कारीगरों कहना है कि जब लाभ नहीं दिया जायेगा तो ओडीओपी योजना से इस काम को हटा दिया जाए। उन्होंने सरकार की प्रशंसा करते हुए यह भी बोला है कि सरकार तो काम करना चाह रही है समझ नहीं आ रहा है कि कर्मचारी और अधिकारी हमको आगे सफल होता क्यों नहीं देखना चाह रहे हैं।
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